शासकीय नेहरू महाविद्यालय में अहिल्याबाई होलकर को श्रद्धांजलि, युवाओं ने सीखे नेतृत्व के सूत्र

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> 📰 लोकमाता देवी अहिल्याबाई होलकर: महिला सशक्तिकरण, प्रशासनिक दक्षता और सांस्कृतिक पुनर्जागरण की प्रतीक

🏛️ शासकीय नेहरू स्नातकोत्तर महाविद्यालय, बुढार में आयोजित हुआ विशेष कार्यक्रम



बुढार (शहडोल)।

मध्यप्रदेश शासन, उच्च शिक्षा विभाग के निर्देशानुसार प्रधानमंत्री कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस, शासकीय नेहरू स्नातकोत्तर महाविद्यालय बुढार में लोकमाता देवी अहिल्याबाई होलकर के जीवन दर्शन पर आधारित एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्राचार्य डॉ. गंगा मिश्रा ने कहा कि अहिल्याबाई होलकर भारतीय इतिहास की उन विलक्षण नारियों में से थीं, जिन्होंने अपने कुशल प्रशासन, परोपकारी कार्यों और सांस्कृतिक धरोहरों के संरक्षण में उल्लेखनीय योगदान दिया। उन्होंने काशी, गया, द्वारका जैसे प्रमुख धार्मिक स्थलों का पुनर्निर्माण कर भारतीय संस्कृति की सेवा की। उन्होंने कहा कि देवी अहिल्याबाई का जीवन महिला सशक्तिकरण, धार्मिक सहिष्णुता और समाज सेवा का आदर्श उदाहरण है।

कार्यक्रम के अंतर्गत विद्यार्थियों के बीच भाषण एवं निबंध प्रतियोगिताओं का आयोजन भी किया गया, जिसमें छात्रों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।

भाषण प्रतियोगिता के विजेता:

प्रथम स्थान – ऋषिका कुशवाहा (बी.एससी. द्वितीय वर्ष)

द्वितीय स्थान – दामिनी बैरागी (बी.ए. द्वितीय वर्ष)


निबंध प्रतियोगिता के विजेता:

प्रथम स्थान – दामिनी बैरागी (बी.ए.)

द्वितीय स्थान – तीरथ साहू (बी.ए. द्वितीय वर्ष)

तृतीय स्थान – गरिमा त्रिपाठी (बी.ए. प्रथम वर्ष)


कार्यक्रम का संचालन राजनीति शास्त्र विभाग के सहायक प्राध्यापक डॉ. दिनेश वर्मा द्वारा किया गया।

यह कार्यक्रम न केवल विद्यार्थियों को लोकमाता अहिल्याबाई के जीवन मूल्यों से जोड़ने का माध्यम बना, बल्कि नारी सशक्तिकरण और सांस्कृतिक चेतना को भी प्रोत्साहित करने वाला साबित हुआ।


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