शहडोल, मध्यप्रदेश | 03 जून 2025:
ग्राम पंचायत पोंगरी में तालाब सफाई और गहरीकरण कार्य के दौरान जातिगत अपमान, गाली-गलौज और जान स
े मारने की धमकी की गंभीर घटना सामने आई है। इस मामले में कार्रवाई न होने से नाराज ग्रामीणों ने मंगलवार को जनसुनवाई के दौरान पुलिस महानिरीक्षक (IG) शहडोल रेंज को ज्ञापन सौंपा। सरपंच श्रीमती सफिपिया बाई बैगा के नेतृत्व में लगभग 100 से अधिक ग्रामीण जिला मुख्यालय पहुंचे और सामूहिक रूप से न्याय की मांग की।

क्या है मामला?
30 मई 2025 की शाम करीब 6 बजे ग्राम पंचायत पोंगरी के पीपल टोला क्षेत्र में तालाब की सफाई और गहरीकरण का कार्य चल रहा था। उसी समय ग्राम कोटमा निवासी शिकायत सिंह पिता ललन सिंह अपने एक साथी के साथ मौके पर पहुंचे। सरपंच के अनुसार, शिकायत सिंह ने वहां मौजूद मजदूरों और स्वयं सरपंच के साथ जातिगत गालियां दीं और धमकी दी कि “जब तक हमारा कमीशन तय नहीं होगा, पंचायत में कोई भी विकास कार्य नहीं होने दिया जाएगा।”
इस दौरान लगभग 50-60 ग्रामीण मौके पर मौजूद थे, जिन्होंने बीच-बचाव करने की कोशिश की, लेकिन आरोपियों ने सभी को गालियां दीं और कहा कि यदि कोई काम करेगा तो उसकी मजदूरी भी नहीं मिलेगी और उसे जान से खत्म कर दिया जाएगा।

शिकायत के बाद भी नहीं हुई FIR
सरपंच सफिपिया बाई बैगा ने इस घटना की लिखित शिकायत थाना सोहागपुर में 30 मई को दी थी। लेकिन उनके अनुसार, घटना की जांच तो की गई, मगर कोई आपराधिक प्रकरण (FIR) दर्ज नहीं किया गया। इसके बाद 31 मई को ग्रामवासियों ने एकत्र होकर पुलिस अधीक्षक शहडोल और कलेक्टर शहडोल को ज्ञापन सौंपा, परंतु अब तक कोई प्रभावी कार्रवाई नहीं हुई।
जनसुनवाई में IG को सौंपा ज्ञापन
03 जून को जनसुनवाई के अवसर पर सरपंच सहित सैकड़ों ग्रामीणों ने एकजुट होकर पुलिस महानिरीक्षक (IG) शहडोल रेंज को ज्ञापन सौंपा। उन्होंने कहा कि यदि 48 घंटे के भीतर आरोपियों पर उचित कानूनी कार्रवाई नहीं की गई, तो समस्त ग्रामवासी पुलिस अधीक्षक कार्यालय के सामने आमरण अनशन पर बैठेंगे।
आरोपी के खिलाफ पहले से हैं 28 मुकदमे
ज्ञापन में यह भी उल्लेख किया गया है कि मुख्य आरोपी शिकायत सिंह के विरुद्ध पहले से ही 28 आपराधिक प्रकरण विचाराधीन हैं, फिर भी उसे खुलेआम संरक्षण मिल रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि यदि आदतन अपराधी को इसी तरह शह दिया जाता रहा, तो ग्राम में विकास कार्यों पर संकट बना रहेगा।
ग्रामीणों ने चेताया: जरूरत पड़ी तो करेंगे घेराव
ग्रामवासियों ने चेतावनी दी कि अगर न्याय न मिला तो वे मुख्यमंत्री के संभावित उमरिया दौरे के दौरान शहडोल और उमरिया जिलों के आदिवासी समुदाय के साथ मिलकर प्रदर्शन करेंगे और मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपकर शहडोल जिले की पुलिस कार्यप्रणाली की जानकारी देंगे।




