बैढ़न इलाके में आधा दर्जन संचालित हैं कबाड़ की दुकाने, पुलिस बेखबर
तेलाई, कचनी, चन्द्रमा टोला, ताली एवं बलियरी में चल रही कबाड़ की दुकाने, वसूलीबाजों का बना है अड्डा, आईजी का कराया गया ध्यान आकृष्ट
सिंगरौली 29 अक्टूबर। कोतवाली क्षेत्र बैढ़न में करीब आधा दर्जन कबाड़ की दुकाने चल रही हैं। इन कबाड़ दुकानों को किसका संरक्षण है और पुलिस अफसर अनजान क्यों बने हैं, इस बात की चर्चा जोर-शोर से है।
दरअसल कोतवाली क्षेत्र में रेता के साथ-साथ कबाड़ व्यवसाय का कारोबार खूब तेजी से फल-फूल रहा है। आलम यह है कि हर्रहवा से दर्जन भर टै्रक्टर अवैध रेत लेकर रात भर धमाचौकड़ी मचाते हुये सरपट दौड़ते रहते हैं। फिर भी रात में गस्त के समय पुलिस की नजर नही पड़ती और जब टै्रैक्टर रेत लेकर निकलते हैं तो उस दौरान गस्त करती रही पुलिस की नजरे ओझल हो जाती हैं। यह बात किसी से छुपी नही है। यह बात जग जाहिर है। वहीं आरोप लग रहा है कि कोतवाली क्षेत्र बैढ़न के तेलाई, कचनी, चन्द्रमा टोला, ताली एवं बलियरी में कबाड़ की दुकाने बेधड़क संचालित हैं। इन कबाड़ दुकानों पर इन दिनों कोई रोकने-टोकने वाला नही है। कबाड़ के नाम पर लोहे की सरिया को भी कबाड़ चोर पार कर दे रहे हैं। इतना ही नही मशीनों के पाटर््स को भी पार कर दे रहे हैं। ऐसी शिकायते मिलती रहती हैं, लेकिन शिकायते पुलिस के यहां पहुंचते-पहुंचते दफन हो जाती है। इतना ही नही यह भी आरोप लगता है कि बाईको को चोरी करने वालो आरोपी इन्ही कबाड़ कारोबारियों के यहां बेच देते हैं और कबाड़ कारोबारी इन वाहनों को राबूद कर देते हैं। इसके बारे में सब को पता है, लेकिन पुलिस अनजान है। अब सवाल उठ रहा है कि कोतवाली क्षेत्र बैढ़न इलाके में आधा दर्जन कबाड़ की दुकाने चल रही हैं और यह दुकाने किसके संरक्षण में है। आये दिन वसूली करने वाला भी पहुंचता रहता है। हालांकि पुलिस अधिकारी दावा करते हैं कि कोई भी अवैध गतिविधियां संचालित नही हंै। हालांकि पुलिस का यह दावा केवल अपनी खुद की वाहवाही लूटने के लिए है। सच्चाई सब को पता है। अब सवाल उठ रहा है कि उक्त कबाड़ की दुकाने घोषित है या अघोषित, इसे तो पुलिस ही बताएगी। लेकिन कबाड़ियों के आतंक से भवनों का निर्माण कराने वाले भवन स्वामी रात भर लोहे के सामग्रियों के रखवाली के लिए मजबूर रहते हैं। फिलहाल कोतवाली क्षेत्र में कबाड़ दुकानों के आड़ में की जा रही वसूली पर तरह-तरह की चर्चाएं की जाने लगी हैं। यहां के प्रबुद्धजनों ने इस ओर आईजी रीवा का ध्यान आकृष्ट कराया है।

