चमत्कार रामेश्वरम के समुद्र के बीच में कुएं का इतिहास विल्लुंडी तीर्थम

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चमत्कार रामेश्वरम के समुद्र के बीच में कुएं का इतिहास विल्लुंडी तीर्थम से जुड़ा है,

जिसके बारे में माना जाता है कि भगवान राम ने सीता की प्यास बुझाने के लिए इसे अपने धनुष से बनाया था। इसका नाम ‘विल्लुंडी’ इसलिए पड़ा क्योंकि इसका अर्थ है “धनुष से बना हुआ”। यह समुद्र के बीच में होते हुए भी मीठा पानी प्रदान करता है और इसे एक पवित्र और चमत्कारी स्थल माना जाता है।
किंवदंती: श्रीलंका विजय के बाद, जब राम और सीता रामेश्वरम में ठहरे, तो सीता को प्यास लगी। राम ने समुद्र से पानी लाने के लिए अपने धनुष से एक तीर चलाया और कुआँ बनाया, जिससे मीठा पानी निकला।
धार्मिक महत्व: विल्लुंडी तीर्थम में मीठा पानी होने को एक चमत्कार माना जाता है, खासकर इसलिए क्योंकि यह खारे समुद्र के बीच में स्थित है। यह राम की भक्ति और शक्ति का प्रतीक माना जाता है।
अध्यात्मिक महत्व: रामेश्वरम मंदिर में भक्तों द्वारा स्नान किए जाने वाले 22 तीर्थ कुओं में से एक विल्लुंडी तीर्थम भी है, जो आत्म-शुद्धि का प्रतीक है।
वर्तमान स्थिति: यह कुआँ आज भी मौजूद है और लोग इसकी पवित्रता और मीठे पानी के कारण इसे देखने और इसमें स्नान करने के लिए जाते हैं।


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