बंदूक छोड़ लौट आओ बेटा… एनकाउंटर से पहले हिड़मा की मां ने की थी मार्मिक अपील
चीफ एडिटर- उमाकांत मिश्रा यस न्यूज़
Naxal Encounter: देश के खूंखार नक्सली लीडरों में शामिल हिड़मा को आज सुरक्षाबलों ने ढेर कर दिया। एनकाउंटर में उसकी पत्नी समेत 6 नक्सलियों को सुरक्षबलों ने मार गिराया…
Naxal Encounter: छत्तीसगढ़ के टॉप नक्सली लीडर और 1 करोड़ का इनामी माड़वी हिड़मा एनकाउंटर में मारा गया। आज सुबह हुए मुठभेड़ में सुरक्षाबलों ने हिड़मा की पत्नी राजे उर्फ रजक्का समेत 6 नक्सलियों को मार गिराया । ( CG News ) छत्तीसगढ़ पुलिस ने शव बरामद करने के बाद इसकी पुष्टि की है। जवानों ने घटना स्थल से भारी मात्रा में एके-47 और गोला-बारूद भी बरामद किया है।
Naxal Encounter: आईजी ने की हिड़मा के मौत की पुष्टि
बस्तर आईजी पी सुंदरराज ने मुठभेड़ की जानकारी दी। बताया कि “आज 18 नवंबर को आंध्र प्रदेश सुरक्षा बलों और माओवादियों के बीच मुठभेड़ हुई। मुठभेड़ के बाद सुरक्षा बलों ने छह माओवादियों के शव बरामद किए। उनमें से एक माओवादियों की केंद्रीय समिति का सदस्य माड़वी हिडमा था, जो पूर्व में पीएलजीए बटालियन का कमांडर था और आतंकवाद का चेहरा माना जाता है। उसका शव भी बरामद किया गया। हिडमा की पत्नी और चार अन्य माओवादियों के शव बरामद किए गए, कुल छह माओवादी, और मौके से भारी मात्रा में एके-47 और गोला-बारूद भी बरामद किया गया।

76 जवानों की हत्या का मास्टरमाइंड
देश के सबसे खतरनाक नक्सल कमांडरों में शामिल माड़वी हिड़मा बस्तर में कई बड़ी घटनाओं को अंजाम दिया है। इनमें दंतेवाड़ा में 2010 में 76 जवानों की हत्या का मास्टरमाइंड हिड़मा था। यह नक्सल इतिहास का सबसे बड़ा हमला था। इस बड़ी वारदात के बाद भी सरकार ने हिड़मा को सरेंडर करने और जीवन की मुख्यधारा से जुड़ने की अपील की थी। गृहमंत्री विजय शर्मा हिडमा के गांव पहुंचकर परिवार जनों से मुलाकात कर हालचाल जाना।
गृहमंत्री ने फोटो सोशल मीडिया में जारी किया था। अपने पोस्ट में लिखा- माड़वी हिड़मा तथा बारसे देवा की माताओं को प्रणाम किया। उन्होंने ने भी पुनर्वास हेतु अपील की। साथ भोजन किए और माताओं ने बड़े ही स्नेह से सभी से बात की। साथ ही नक्सल संगठन में सक्रिय लोगों के परिजनों से भेंट कर पुनर्वास हेतु प्रेरित करने आग्रह किया।
मां ने की थी सरेंडर की मार्मिक अपील
नक्सली लीडर हिड़मा और बरसेदेवा की माताओं ने एक वीडियो जारी कर दोनों से सरेंडर करने और घर वापसी की मार्मिक अपील की थी। दो मिनट के वीडियो में मां ने अपने बेटे से नए जीवन की शुरुआत करने की अपील की। लेकिन बेटे ने मां की एक नहीं मानी। आखिरकार इस अपील के 1 सप्ताह बाद सुरक्षबलों ने मुठभेड़ में मार गिराया
शाह ने दी थी डेडलाइन
गृहमंत्री अमित शाह हर बार नक्सलियों को बंदूक छोड़ जीवन की मुख्यधारा में शामिल होने की अपील करते आ रहे हैं। वहीं इस बार हिड़मा को खत्म करने के लिए 30 नवंबर तक की डेडलाइन दी थी। इस फैसले के बाद भी हिड़मा नहीं माना और सुरक्षाबलों ने खोजकर मार गिराया। आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़ और तेलंगाना की सीमा पर स्थित पुल्लागांडी के घने जंगलों में एक बड़ा ऑपरेशन के तहत जवानों को यह सफलता मिली है। नक्सल उन्मूलन अभियान में यह इस साल पुलिस की दूसरी सबसे बड़ी कामयाबी मानी जा सकती है।
हिड़मा कैसे जुड़ा नक्सली संगठन से
छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले (तब अविभाजित मध्य प्रदेश का हिस्सा) के पुरवती गाँव में 1981 में जन्मे हिडमा को उसकी आक्रामकता, सहनशक्ति और जंगली इलाकों से परिचित होने के कारण पीपुल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी (पीएलजीए) में पदोन्नत किया गया था। बाद में, वह पीएलजीए बटालियन नंबर 1 का कमांडर बन गया – नक्सल संगठनात्मक ढांचे में सबसे घातक और मोबाइल इकाई।
छत्तीसगढ़ के बस्तर क्षेत्र के एक आदिवासी परिवार से ताल्लुक रखने वाला हिडमा वामपंथी उग्रवाद (एलडब्ल्यूई) या नक्सलवाद से अत्यधिक प्रभावित क्षेत्र में पला-बढ़ा। वह कथित तौर पर 1990 के दशक के अंत में एक किशोर के रूप में नक्सल आंदोलन में शामिल हो गया था, शुरुआत में एक संघम (स्थानीय मिलिशिया) सदस्य के रूप में काम कर रहा था।

