मुरैना / अंबाह (विनय मेहरा की रिपोर्ट ):
सरकार द्वारा आयोजित गीता महोत्सव के अंतर्गत अंबाह सब जेल में सात दिवसीय श्रीमद्भागवत गीता का आयोजन सफलता पूर्वक संपन्न हुआ। यह आयोजन 12 अक्टूबर से 18 अक्टूबर तक जारी रहा, जिसमें कैदियों को श्रीमद्भागवत गीता के जीवनोपयोगी संदेशों से अवगत कराया गया। इस आयोजन के प्रमुख अतिथि भारतीय हाकी संघ के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और मध्यप्रदेश विधानसभा के स्पीकर नरेंद्र सिंह तोमर के पुत्र देवेंद्र तोमर (रामू भैया)भी उपस्थित रहे।
इस कार्यक्रम का संचालन आनंदम संस्थान के मास्टर ट्रेनर डॉ. सुधीर आचार्य द्वारा किया गया। इस अवसर पर उस्ताद फारूक लतीफ खान, एक अंतरराष्ट्रीय स्तर के सारंगी वादक, ने अपने संगीत से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। फारूक लतीफ खान ने भारतीय शास्त्रीय संगीत के महत्व पर प्रकाश डाला और देशभक्ति से जुड़े गीतों की प्रस्तुतियों से वातावरण को विशेष रूप से जीवंत बना दिया, जिसने जेल में बंद कैदियों को भी गहरे प्रभावित किया।

समापन समारोह में देवेंद्र तोमर (रामू भैया) ने अपने व्याख्यान में श्रीमद्भागवत गीता के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा, “भगवद गीता केवल एक धार्मिक ग्रंथ नहीं, बल्कि जीवन जीने की कला है। इससे हम अपने जीवन की समस्याओं का समाधान ढूंढ सकते हैं और आंतरिक शांति पा सकते हैं। गीता का अध्ययन हमें सत्य, धर्म और कर्म के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है।” उन्होंने आगे कहा, “जेल में बंद होने के बावजूद आप सभी को अपनी आत्मा को जागृत रखने की जरूरत है। गीता हमें यह सिखाती है कि चाहे परिस्थितियां कैसी भी हों, हमें अपने कर्म पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए और हमेशा सत्य के मार्ग पर चलना चाहिए।”

इस अवसर पर अंबाह सब जेल के जेलर, ठेकेदार और जेल स्टाफ ने भी कार्यक्रम में उपस्थित अतिथियों का स्वागत किया और उन्हें सम्मानित किया। इस प्रकार, श्रीमद्भागवत गीता महोत्सव ने अंबाह सब जेल में न केवल धार्मिक जागरूकता का संचार किया, बल्कि कैदियों को अपने जीवन को पुनः सही दिशा में ले जाने की प्रेरणा भी दी। यह आयोजन निश्चित रूप से उन लोगों के लिए एक नई शुरुआत और आत्म सुधार की ओर एक कदम बढ़ाने का एक महत्वपूर्ण अवसर साबित हुआ।

