नवरात्रि के दूसरे दिन भटिया देवी मंदिर में भक्तों का उमड़ा सैलाब, जय माता दी की गूंज

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शहडोल, रसमोहनी: पत्रकार आशीष त्रिपाठी

नवरात्रि के दूसरे दिन भटिया देवी मंदिर में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। जिला, क्षेत्र, प्रांत और अन्य प्रदेशों से आए हुए माई के भक्तों ने मंदिर प्रांगण को अपनी उपस्थिति से संजीवित कर दिया। मंदिर परिसर में “जय माता दी” की जयकारों से वातावरण गूंज उठा। इस दिन भक्तों ने न केवल देवी के दर्शन किए, बल्कि अपनी मनोकामनाएं भी अर्पित कीं।

महिला मंडल द्वारा चुनरी अर्पित:

महिला रामायण मंडली, जैतपुर की महिलाएं और बेटियां आज बड़े हर्षोल्लास के साथ माता रानी को चुनरी भेंट करने के लिए कुनुकेश्वर मंदिर से पैदल यात्रा करते हुए भटिया मंदिर पहुंचीं। उनके इस श्रद्धा भाव और भव्य चुनरी भेंट से मंदिर प्रांगण और भी रंगीन हो गया। यह दृश्य न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक था, बल्कि महिलाओं की शक्ति और भक्ति का भी प्रमाण था।

मंदिर में उमड़ी भक्तों की भीड़:

भटिया देवी मंदिर शक्तिपीठ के रूप में प्रसिद्ध है, और यहां पर नवरात्रि के दौरान भक्तों की भारी भीड़ देखने को मिलती है। आज नवरात्रि के दूसरे दिन विभिन्न मार्गों से पैदल यात्रा करते हुए भक्तों का विशाल जनसैलाब मंदिर तक पहुंचा। भक्तों ने शहडोल, बुढार, अनूपपुर, कोतमा, और अन्य आसपास के इलाकों से भटिया देवी मंदिर की ओर पैदल यात्रा की। इन भक्तों ने माई की पूजा अर्चना की और अपनी अर्जी-मन्नतें अर्पित की।

मंदिर में किए गए विकास कार्य:

कोविड-19 के दौरान, स्थानीय लोगों ने एक सेवा समिति का गठन किया था, जिसने मंदिर के विकास के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए। सेवा समिति ने मंदिर के ऊपर एक विशाल गुम्बद का निर्माण कराया, जिसे महाराष्ट्र के कलाकारों ने डिजाइन किया। इसके अलावा, मंदिर परिसर में पेवर ब्लॉक बिछाने का कार्य भी किया गया, ताकि भक्तों को बेहतर सुविधा मिल सके।

समिति की पहल पर मन्दिर की अन्य मूर्तियों को स्टील पाइप से सुरक्षित किया गया और मंदिर प्रांगण की सफाई व्यवस्था को बेहतर बनाया गया। हर पर्व और खास मौके पर, विशेष प्रसाद वितरण का कार्य भी समिति द्वारा किया जाता है।

विधायक का योगदान:

मंदिर के विकास कार्यों में शहडोल क्षेत्र की लोकप्रिय विधायक श्रीमती मनीषा सिंह का भी महत्वपूर्ण योगदान रहा है। उन्होंने मंदिर के मुख्य गेट की निर्माण कार्य में सहयोग दिया और विधायक की पहल पर मंदिर में सौर ऊर्जा की सुविधा भी उपलब्ध कराई गई।

भव्य शतचंडी महायज्ञ:

इस वर्ष, शतचंडी महायज्ञ का आयोजन बड़े धूमधाम से किया जा रहा है, जिसमें क्षेत्रीय लोगों और व्यापारियों का भी भरपूर सहयोग मिल रहा है। व्यापारी वर्ग द्वारा दुकानें सजी हुई हैं और मेले की सुंदरता में चार चांद लगा रहे हैं। वहीं, भक्तों ने भी भंडारे का आयोजन किया है, जिससे पुण्य लाभ प्राप्त हो रहा है।

मंदिर में प्रशासन का ध्यान:

शहडोल के एसडीएम, अमृता गर्ग ने मंदिर और मेले का जायजा लिया और जो कमियां थीं, उन्हें दूर करने का निर्देश दिया। स्थानीय प्रशासन द्वारा भी मेला क्षेत्र में व्यवस्था बनाए रखने के लिए पूरी कोशिश की जा रही है। रजिस्टर्ड पण्डित और नाई के माध्यम से कथा और मुंडन जैसे धार्मिक कार्य संपन्न हो रहे हैं।

मंदिर और मेला क्षेत्र में सुरक्षा और व्यवस्था:

मंदिर के आस-पास के इलाकों में सुरक्षा व्यवस्था के साथ-साथ सफाई कार्य भी सुचारु रूप से चल रहा है। स्थानीय नागरिक, विशेष रूप से कोल्हुवा और आसपास के गांवों के लोग, मेला क्षेत्र की व्यवस्था को दुरुस्त रखने में सक्रिय रूप से शामिल हो रहे हैं।

माता रानी की विश्वव्यापी ख्याति:

भटिया देवी मंदिर की ख्याति अब केवल शहडोल क्षेत्र तक सीमित नहीं रह गई है। भक्तों का आना-जाना दूर-दूर से बढ़ता जा रहा है। शहडोल, अनूपपुर, उमरिया, रीवा, सीधी, सिंगरौली के अलावा मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, उत्तरप्रदेश और अन्य राज्यों से भी भक्त माता रानी के दर्शन के लिए पहुंचते हैं।

सार्वभौमिक श्रद्धा और विश्वास:

भटिया देवी मंदिर में श्रद्धालुओं की यह भारी भीड़ न केवल आस्था और विश्वास का प्रतीक है, बल्कि यह दर्शाता है कि भक्तों की हर मुराद माता रानी पूरी करती हैं। भक्तों का विश्वास और श्रद्धा इस मंदिर को और भी पवित्र बनाता है।

माता रानी के इस मंदिर में हर साल नवरात्रि के दौरान भारी संख्या में भक्त आते हैं और उनकी मनोकामनाओं का समाधान होता है। साथ ही, सेवा समिति के निरंतर प्रयासों और प्रशासन के सहयोग से मंदिर के विकास और व्यवस्था में निरंतर सुधार हो रहा है।

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