शहडोल, 8 मई 2025 (विनय मेहरा की कलम से)
विश्व थैलेसीमिया दिवस के अवसर पर शहडोल में आयोजित विशाल जन-जागरूकता रैली ने जनमानस को थैलेसीमिया के प्रति न केवल सजग किया, बल्कि एकजुटता और सामाजिक चेतना का जीवंत उदाहरण भी प्रस्तुत किया। यह रैली शहडोल एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स, दिशा वेलफेयर एसोसिएशन एवं सांझी रसोई (मीत एक साथी सोशल सर्विसेस समिति की इकाई) के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित की गई, जिसमें नगर के अनेक संगठनों और संस्थाओं ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।

रैली का उद्देश्य और संदेश
इस जागरूकता रैली का मुख्य उद्देश्य थैलेसीमिया जैसी अनुवांशिक बीमारी के बारे में समाज को शिक्षित करना, इससे जुड़ी भ्रांतियों को दूर करना तथा रक्तदान के प्रति लोगों को प्रेरित करना था। रैली ने यह स्पष्ट संदेश दिया कि एकजुट समाज ही स्वस्थ समाज का निर्माण करता है।
शानदार आयोजन, अनुकरणीय समन्वय
रैली की संपूर्ण रूपरेखा और संचालन अत्यंत व्यवस्थित और प्रेरणादायक रहा। सुबह के समय नगर के विभिन्न हिस्सों से जुटे प्रतिभागियों ने शहर की प्रमुख सड़कों पर मानवता, स्वास्थ्य और सामाजिक उत्तरदायित्व के नारे लगाते हुए जनजागरूकता का परचम लहराया।
इस आयोजन में डॉ. शिल्पी सराफ (सी.एस., जिला अस्पताल शहडोल) का विशेष मार्गदर्शन और सक्रिय सहयोग प्राप्त हुआ, जिन्होंने अपने अनुभव और ऊर्जा से इस आयोजन को एक सकारात्मक दिशा दी।

सशक्त भागीदारी, मजबूत संदेश
रैली में शहडोल के प्रतिष्ठित संगठनों और संस्थानों की भागीदारी ने आयोजन को और भी गौरवपूर्ण बना दिया:
रोटरी क्लब विराट और इनर व्हील क्लब शहडोल ने संगठनात्मक स्तर पर आयोजन को मजबूती दी।
NCC कैडेट्स की अनुशासित मौजूदगी ने युवाओं को नेतृत्व और सेवा की भावना से प्रेरित किया।
शिवानी पैरामेडिकल कॉलेज और विवेकानंद पैरामेडिकल कॉलेज के छात्र-छात्राओं ने अपने जोशीले नारों और स्वास्थ्य संदेशों से रैली को ऊर्जावान बनाए रखा।
विशेष उल्लेख के योग्य हैं थैलेसीमिया योद्धा, जिन्होंने अपनी उपस्थिति से यह दिखा दिया कि जज़्बा और जिंदादिली से किसी भी बीमारी का डटकर मुकाबला किया जा सकता है।

समाज के लिए एक प्रेरणा
यह रैली केवल एक जागरूकता अभियान नहीं, बल्कि एक ऐसा सामाजिक आंदोलन थी, जिसने पूरे शहर को यह सोचने पर मजबूर किया कि हम सबकी भागीदारी से ही थैलेसीमिया जैसे रोग को रोका जा सकता है।
यह आयोजन न सिर्फ जन-जागरूकता की मिसाल बना, बल्कि इससे रक्तदान जैसे पुण्य कार्य के प्रति भी नागरिकों का दृष्टिकोण और सक्रियता बढ़ी।
एकजुट समाज, स्वस्थ भविष्य
शहडोल में आयोजित यह जागरूकता रैली मानवता, सेवा और सामाजिक उत्तरदायित्व की सजीव अभिव्यक्ति रही। यह पहल आने वाले वर्षों में और भी व्यापक रूप में विकसित हो सकती है, यदि इसी उत्साह और समर्पण से समाज साथ चलता रहे।
थैलेसीमिया से लड़ने के लिए हमें केवल दवाओं की नहीं, जागरूकता, सहयोग और सेवा भावना की भी जरूरत है — और शहडोल ने यह करके दिखाया।