पोरसा / 16 मई 2025: पत्रकार नीरज पचौरी और विनय की संयुक्त रिपोर्ट
मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश की सीमा पर स्थित उसेथ घाट पर चंबल नदी पर बना पीपो का पुल, जो दोनों राज्यों के सैकड़ों गांवों को जोड़ता है, आज अचानक आई तेज़ आंधी की चपेट में आ गया। करीबन शाम 4:00 बजे आई तेज़ हवाओं के कारण पुल की बिछी (फर्श/चादरें) हिल गईं और कुछ हिस्सों में हट गईं, जिससे पुल पर यातायात बाधित हो गया।
इस आपात स्थिति का सबसे बड़ा असर चार पहिया वाहनों की आवाजाही पर पड़ा, जो पूरी तरह से ठप हो गई। वाहन चालक और आम नागरिकों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। कई लोगों को अपने वाहन वहीं छोड़ कर पैदल ही नदी पार करनी पड़ी।
यह पुल न केवल स्थानीय निवासियों के लिए, बल्कि व्यापारिक आवागमन के लिए भी एक महत्त्वपूर्ण मार्ग है। उसकी अस्थायी संरचना और प्राकृतिक आपदाओं के प्रति संवेदनशीलता ने एक बार फिर इसकी मजबूती और स्थायित्व पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
स्थानीय लोगों ने प्रशासन से मांग की है कि पीपो पुल की नियमित निगरानी और समय रहते मरम्मत की व्यवस्था की जाए ताकि भविष्य में किसी भी प्रकार की आपात स्थिति से बचा जा सके।
यह घटना यह दर्शाती है कि बुनियादी ढांचे की मजबूती और प्राकृतिक आपदाओं के प्रति तत्परता, सीमावर्ती क्षेत्रों में निर्बाध जीवन और व्यापार के लिए अत्यंत आवश्यक है।
