शहडोल के सितारे: टाइम्स क्लासेस और टाइम पब्लिक स्कूल के होनहारों ने रचा इतिहास

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शहडोल – पत्रकार विनय की रिपोर्ट। (8349627682)

छोटे शहर से निकलकर बड़े सपनों को हकीकत बनाने की कहानी जब भी लिखी जाएगी, तो टाइम्स क्लासेस और टाइम पब्लिक स्कूल, शहडोल के नाम को सुनहरे अक्षरों में लिखा जाएगा। साल 2006 से निरंतर मेडिकल और इंजीनियरिंग परीक्षाओं में श्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाली इस संस्थान ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि गुणवत्ता और समर्पण से कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं।

शिक्षा की मिट्टी से सफलता के फूल तब ही खिलते हैं जब समर्पण, मेहनत और सही मार्गदर्शन एक साथ मिलते हैं। इसी सच को जीवंत कर दिखाया है टाइम्स क्लासेस और टाइम पब्लिक स्कूल, शहडोल के विद्यार्थियों ने, जिन्होंने NEET और IIT-JEE जैसी प्रतिष्ठित परीक्षाओं में धमाकेदार सफलता प्राप्त कर जिले और संस्थान का नाम रौशन किया है।



भूमि गुप्ता की NEET में राष्ट्रीय रैंक, अनुपमा दुबे का IIT एडवांस में चयन

भूमि गुप्ता, जिन्होंने NEET में 2664वीं रैंक हासिल की, अपनी सफलता का श्रेय माता-पिता के आशीर्वाद और संस्थान के मार्गदर्शन को देती हैं।

> भूमि गुप्ता कहती हैं: “मेरे हर सवाल का जवाब मुझे टाइम्स क्लासेस में मिला। यहां की पढ़ाई, टेस्ट सीरीज और मेंटर्स ने मुझे मानसिक रूप से मज़बूत बनाया। मैं अपने शिक्षकों की बेहद आभारी हूं।”

भूमि गुप्ता



उनके पिता, एक सरकारी कर्मचारी, ने भावुक होकर कहा:

> *”हमने कभी नहीं सोचा था कि हमारी बेटी देश के टॉप रैंकर्स में आएगी। टाइम पब्लिक स्कूल ने उसे सिर्फ पढ़ाया नहीं, बल्कि उसे आत्मविश्वास देना सिखाया।”



वहीं अनुपमा दुबे, जिन्होंने IIT-JEE एडवांस में सफलता हासिल की, अब कंप्यूटर साइंस में भविष्य बनाना चाहती हैं।

> अनुपमा कहती हैं: “मैंने कभी खुद को सीमित नहीं समझा, क्योंकि मेरे शिक्षकों ने हमेशा मुझे आगे बढ़ने की प्रेरणा दी। IIT की राह आसान नहीं थी, लेकिन टाइम्स क्लासेस ने उसे संभव बना दिया।”

अनुपमा दुबे






तिशा जसूजा और अंशिका केशरी की मेडिकल में शानदार उड़ान

493 अंक के साथ NEET पास करने वाली तिशा जसूजा और 492 अंक हासिल करने वाली अंशिका केशरी, दोनों ने मेडिकल की दुनिया में प्रवेश के अपने सपने पूरे किए।

> तिशा कहती हैं: “टाइम पब्लिक स्कूल की पढ़ाई बेहद स्ट्रक्चर्ड है। यहां सिर्फ रटाया नहीं जाता, समझाया जाता है। यही मेरी सफलता की कुंजी बनी।”

तिशा जासूजा



> अंशिका की मां कहती हैं: “हमने कभी कोचिंग के लिए शहर छोड़ने की ज़रूरत नहीं समझी, क्योंकि शहडोल में टाइम्स क्लासेस जैसा संस्थान है। हमारी बेटियां यहीं पढ़कर देश के मेडिकल कॉलेज में पहुंचीं, इससे बड़ा गर्व नहीं हो सकता।”

अंशिका केशरी




एक बस ड्राइवर का बेटा बना मिसाल – अनिमेष शर्मा की डबल सफलता

अनिमेष शर्मा – एक नाम जो अब शहडोल में नहीं, पूरे क्षेत्र में प्रेरणा का पर्याय बन गया है। एक साधारण परिवार से आने वाले अनिमेष ने NEET और IIT-JEE दोनों परीक्षाएं एक साथ पास कर यह साबित कर दिया कि सपनों की कोई सामाजिक या आर्थिक सीमा नहीं होती।

> अनिमेष ने मुस्कराते हुए कहा:
“मैं रोज़ सुबह अपने पिता को बस चलाते देखता था और मन में सोचता था – एक दिन मैं उनके लिए कुछ बड़ा करूंगा। आज वह दिन है। मेरी सफलता मेरे माता-पिता, शिक्षकों और टाइम्स क्लासेस की देन है।”

दाएं: स्टूडेंट अनिमेष



> अनिमेष के पिता, जिनकी आँखों में गर्व और आंसू दोनों थे, बोले:
“मैंने जिंदगी में कई किलोमीटर बस चलाई है, लेकिन आज पहली बार लगा कि मेरी मंज़िल मिल गई – मेरे बेटे की कामयाबी।”संस्थान ने अनिमेष की प्रतिभा को पहचानते हुए उसकी पूरी फीस माफ की, जो उनके समाज के प्रति समर्पण का प्रतीक है।




संस्थान के संचालक बोले – “हर बच्चा चमक सकता है, ज़रूरत है सही दिशा की”

टाइम्स क्लासेस और टाइम पब्लिक स्कूल के संचालक ने छात्रों की सफलता पर खुशी ज़ाहिर करते हुए कहा:

> “हमारा उद्देश्य सिर्फ परीक्षा पास करवाना नहीं, बल्कि बच्चों को सोचने, समझने और आत्मविश्वासी बनने की दिशा में तैयार करना है। अनिमेष, भूमि, अनुपमा, तिशा और अंशिका – ये सब हमारे परिवार का हिस्सा हैं। हमारी टीम का हर शिक्षक इस जीत का हकदार है।”


> “हमारा अगला लक्ष्य है – शहडोल को शिक्षा के राष्ट्रीय मानचित्र पर और ऊंचा उठाना।”








शहडोल के ये चमकते चेहरे इस बात के गवाह हैं कि जब संस्थान, शिक्षक, माता-पिता और छात्र एक टीम की तरह काम करें, तो कोई भी मंज़िल दूर नहीं। टाइम्स क्लासेस और टाइम पब्लिक स्कूल की यह सफलता केवल संस्थान की नहीं, पूरे जिले की उपलब्धि है, जो अब शिक्षा के क्षेत्र में नए कीर्तिमान गढ़ रहा है।



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