रीवा ब्यूरो चीफ शुभम तिवारी

*रेलवे रिजर्वेशन व्यवस्था में फिर बदलाव, अब सीट उपलब्धता की दोगुनी सीमा तक ही जारी होंगे वेटिंग टिकट*
भोपाल। रेलवे ने आरक्षण व्यवस्था में फिर से बदलाव किया है। नई व्यवस्था में वेटिंग टिकट जारी करने की अधिकतम सीमा फिर से तय की है। अब मेल-एक्सप्रेस ट्रेनों में एसी एग्जीक्यूटिव और प्रथम श्रेणी में उपलब्ध सीटों से दोगुने वेटिंग टिकट ही जारी किए जा सकेंगे।
शताब्दी और राजधानी श्रेणी की ट्रेनों में इस वर्ग में भी अधिकतम 60 प्रतिशत वेटिंग टिकट जारी हो पाएंगे। नई व्यवस्था के तहत मेल-एक्सप्रेस ट्रेनों में एसी सेकंड, थर्ड और चेयरकार में वेटिंग की अधिकतम सीमा उनकी सीट उपलब्धता का 60 प्रतिशत होगा।
शताब्दी और राजधानी की इन्हीं श्रेणियों में अधिकतम सीमा 40 प्रतिशत तक होगी। वहीं शयनयान और चेयरकार में सीट संख्या से अधिकतम 40 प्रतिशत तक ही वेटिंग टिकट जारी होगा।
इससे पहले रेलवे बोर्ड ने 17 अप्रैल को सभी जोनल रेलवे और रेलवे सूचना प्रणाली केंद्र (सीआरआईएस) को इस संबंध में एक आदेश जारी किया था। उसके मुताबिक वेटिंग टिकटों की संख्या उपलब्ध सीटों के 25 प्रतिशत तक सीमित किया गया था। इसके बाद आरक्षण प्रणाली में संशोधन करते हुए श्रेणीवार प्रतीक्षा सूची की सीमा को निर्धारित किया गया।
*क्या होगा इसका असर-:*
अब किसी ट्रेन में वेटिंग 250-300 तक नहीं जाएगा। अगर एसी प्रथम श्रेणी में 100 सीट है तो अधिकतम 100 लोगों को ही वेटिंग टिकट मिल पाएगा। उसके बाद संबंधित ट्रेन में उस श्रेणी का टिकट जारी ही नहीं हो पाएगा।
इससे टिकट जारी कराके जुगाड़ से कन्फर्म कराने की प्रवृत्ति पर रोक लगेगी। वहीं खिड़की से वेटिंग टिकट लेकर यात्रा करने वालों की वजह से होने वाली भीड़ पर भी नियंत्रण होगा।
*इन पर नियम लागू नहीं-:*
वेटिंग टिकटों पर सीमा का यह नया नियम रियायती टिकटों या सरकारी यात्रा वारंट पर लागू नहीं होगा। इसका मतलब है कि दिव्यांग व्यक्ति, मेडिकल कोटा पर यात्रा करने वाले व्यक्ति, रक्षा सेवाओं के कर्मचारी और अन्य योग्य लोगों को पहले की तरह ही प्राथमिकता मिलती रहेगी।