संभागीय ब्यूरो विनय द्विवेदी
पूरे समय डॉक्टर का इंतजार करता रहा मारीज
शहडोल – सरकारी अस्पतालों में इलाज के समुचित इंतजाम होने का सरकारी दावा हवा-हवाई साबित हो रहा है। सौ विस्तरीय अस्पताल की कौन कहे, सिविल अस्पताल ब्यौहारी में भी समय से सिर्फ मरीज पहुंचते डॉक्टर नहीं। यहां इलाज कराने के लिये आने वाले रोगियों को लम्बे इंतजार के बाद उपचार मुहैया नहीं हो पाता है।
हालांकि कहा जा रहा है कि जिम्मेदारों की शिथिलिता के चलते अस्पताल में मरीजों का इलाज भगवान भरोसे चल रहा है। यहां डॉक्टर साहब अपने समय से नहीं आते। मरीज व उनके तीमारदार पर्ची लेकर घंटों भटकते रहते हैं। हालांकि शासन स्तर से स्वास्थ्य महकमे को जो गाइडलाइंस दी गई और उसके अनुसार चिकित्सकों को सुबह 9 बजे एवं सायं 5 बजे से ओपीडी में बैठकर इलाज करना तय किया गया है लेकिन शासन का फरमान यहां के चिकित्सकों के लिए हवा- हवाई है। आश्चर्य की बात तो यह है कि इसको लेकर जब भी मरीजों द्वारा हंगामा किया जाता है, तब अस्पताल प्रशासन सीमित संसाधनों का हवाला देकर पल्ला झाड़ लेता है और मरीजों की समस्या ज्यों की त्यों बनी रहती है।

100 विस्तरीय सिविल अस्पताल का हाल
अस्पताल में अव्यवस्था का आलम है, जिससे मरीजों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। दवाइयों और इलाज के लिए मरीजों को घंटों इंतजार करना पड़ता है, लेकिन इसके बावजूद उन्हें समय पर दवाएं और चिकित्सा सुविधा नहीं मिल पा रही हैं। मरीजों का कहना है कि अस्पताल में पर्ची लेने के बाद घंटो इंतजार डॉक्टर का इंतजार करना पड़ता है फिर भी डाक्टर अपने केबिन में नहीं आते। कुछ मरीजों ने आरोप लगाया कि उन्हें निजी क्लीनिक जाने के लिए मजबूर किया जा रहा है, क्योंकि सरकारी अस्पताल में सही समय पर इलाज उपलब्ध नहीं हो रहा।

अभद्रता करने पर उतारू डाक्टर
बीते दिनों सायं पांच बजे पहुंचे मरीज डाक्टर के कैबिन में पहुंचा तो डॉक्टर कैबिन के अलावा सभी दरवाजों में ताला लटकता रहा, पर डॉक्टर कैबिन में डॉक्टर नहीं थे, इस पूरे नजारे को पत्रकार द्वारा वीडियो कवरेज किया जा रहा था तभी अपने को डाक्टर बताकर वहां जोर जोर से वीडियो बनाने से मना किया जाने लगा और अभद्र भाषा का प्रयोग कर कवरेज करने से मना किया जाने लगा।
अपने को बताया गार्ड
कवरेज के दौरान एक व्यक्ति आ पहुंचा जो अपने आप को गार्ड बता रहा था, उसका नाम पूछने पर वह अपना नाम बताने में आना कानी करता रहा, गार्ड बताने वाला व्यक्ति अपने यूनी फॉर्म में भी नहीं था वह कौन था इसका भी पता लगाया जाना आवश्यक है।

नहीं दिखा चार्ट
किस डॉक्टर की ड्यूटी कब और कहां लगी है इसका समय सारणी नाम सहित जारी कर चस्पा किया जाना चाहिए पर उचित स्थान के साथ सूचना पटल पर समय सारणी नहीं लगाई गई, जिसकी जानकारी लिए जाने पर बताया गया कि यहां कभी भी ड्यूटी चार्ट न ही बनाया जाता है और न ही चस्पा किया जाता है।
कार्यवाही की मांग
दिनांक 23/11/2024 को सायं पांच बजे जिस डॉक्टर, नर्स एवं संबंधित कर्मचारी जिनके दफ्तर के दरवाजों में ताला लटक रहे थे ऐसे सभी कर्मचारियों पर त्वरित कार्यवाही की मांग की गई है।
इनका कहना
डॉक्टर को अपने कैबिन ओपीडी में होना चाहिए कहां है दिखवाता हूं।
अमित प्रकाश चौधरी
बीएमओ ब्यौहारी