महाकाल के आशीर्वाद से पुत्र रत्न की प्राप्ति: पोरसा मुक्तिधाम पर कन्या भोज का भव्य आयोजन - YES NEWS

महाकाल के आशीर्वाद से पुत्र रत्न की प्राप्ति: पोरसा मुक्तिधाम पर कन्या भोज का भव्य आयोजन

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मुरेना/पोरसा। (विनय मेहरा की रिपोर्ट )

8 दिसंबर 2024 को, पोरसा स्थित विश्व प्रसिद्ध मुक्तिधाम की पावन धरा पर एक अत्यंत खास और आनंदमयी माहौल बनाई गई। यहां, दीपक तोमर, निवासी किरियाँच रोड, तरेनी के घर पुत्र रत्न की प्राप्ति हुई, जिसके उपलक्ष्य में एक भव्य कन्या भोज का आयोजन महाकाल के मंदिर में हुआ। इस आयोजन में परिवार द्वारा महाकाल के प्रति आभार व्यक्त करने और आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए पवित्र विधियों से पूजा-अर्चना की गई।

महाकाल के दर्शन और अभिषेक से मनोकामना पूरी

दीपक तोमर के परिवार ने अपने पुत्र रत्न की प्राप्ति के अवसर पर महाकाल के दरबार में पांच सोमवार तक विशेष पूजा की थी, जिसमें औषधियों और पंचामृत से महाकाल का अभिषेक किया गया। इनकी मनोकामना पूरी हुई और इस अवसर पर परिवार ने महाकाल के प्रति अपनी श्रद्धा और आस्था को पुनः प्रकट किया। पूजा के पश्चात, महाकाल की प्रतिमा का आभार व्यक्त करने के लिए 100 कन्याओं का पूजन और भोज आयोजित किया गया, जो एक पवित्र और आध्यात्मिक उत्सव के रूप में मनाया गया।



कन्या भोज और सामूहिक आशीर्वाद का आयोजन

महाकाल के आशीर्वाद से खुश और आभारी परिवार ने इस भव्य आयोजन में लगभग 100 कन्याओं को सम्मानित किया। पूजन के बाद उन्हें भोज कराया गया और इसके साथ ही दान-दक्षिणा देकर महाकाल के पवित्र परिसर में परिक्रमा की गई। इस कार्यक्रम में महेश पिगोरिया, संजय अग्रवाल, नरेंद्र राठौर, सुरेंद्र जाटव, महेंद्र बाल्मिक, चंद्र पाल, पप्पू श्रीमती पल्लवी तोमर, सीमा, दिव्या काभी, और कई अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। सभी ने महाकाल के दर्शन किए और इस पवित्र अवसर पर अपनी शुभकामनाएं दीं।

पारिवारिक उल्लास और धार्मिक समर्पण का प्रतीक

इस कार्यक्रम ने न केवल परिवार की खुशियों को साझा किया, बल्कि धार्मिक आस्था और समर्पण का भी एक अद्वितीय उदाहरण प्रस्तुत किया। महाकाल के आशीर्वाद से परिवार का जीवन सजेगा और इसी आशीर्वाद के साथ उनके मन की सारी इच्छाएं पूरी होंगी। परिवार ने इस दिन को एक नया अध्याय मानते हुए भगवान महाकाल का आभार व्यक्त किया, और इस समर्पित आयोजन ने हर किसी को आध्यात्मिक शांति का अनुभव कराया।

समाज में सकारात्मक परिवर्तन की दिशा

ऐसे धार्मिक और सामाजिक आयोजन समाज में गहरे बदलाव ला सकते हैं। जब हम एकजुट होकर धार्मिक आयोजनों में भाग लेते हैं, तो इससे न केवल हमारी आस्था मजबूत होती है, बल्कि हम समाज में एकता, भाईचारे और सहयोग की भावना को भी बढ़ावा देते हैं। कन्या भोज जैसे आयोजन महिलाओं के सम्मान को प्रोत्साहित करते हैं और उनके अधिकारों को सम्मानित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हैं। इसके अलावा, सामूहिक आयोजन से सामाजिक जिम्मेदारी और परोपकारिता की भावना को बल मिलता है, जिससे समाज में सकारात्मक बदलाव संभव होते हैं। इस प्रकार के आयोजनों से न केवल व्यक्ति की आध्यात्मिक उन्नति होती है, बल्कि समाज की सामाजिक और सांस्कृतिक चेतना भी जागृत होती है।

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