“तंबाकू नहीं – ज़िंदगी हां!”शहडोल में विश्व तंबाकू निषेध दिवस पर निकली प्रभावशाली रैली, गूंजा नारा – ‘स्वस्थ जीवन ही सच्चा जीवन’

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शहडोल, 31 मई 2025 –पत्रकार विनय की कलम से।

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शहर की फिज़ा में आज कुछ अलग ही उत्साह था। कहीं हाथों में जागरूकता तख्तियां थीं, कहीं नारों की बुलंद आवाज़ें, और हर चेहरे पर एक ही लक्ष्य की झलक – “तंबाकू मुक्त भारत की ओर पहला कदम।”अवसर था विश्व तंबाकू निषेध दिवस का, और आयोजन स्थल बना था जिला चिकित्सालय शहडोल, जहाँ से एक जागरूकता रैली जय स्तंभ चौक तक निकाली गई।

इस रैली का नेतृत्व कर रही थीं सिविल सर्जन डॉ. शिल्पी सराफ, जिन्होंने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों, कर्मचारियों और मौजूद जनसमुदाय को तंबाकू के सेवन से दूर रहने और दूसरों को भी इसके लिए प्रेरित करने की शपथ दिलाई। उनका संकल्प दिल को छूने वाला था –”तंबाकू एक धीमा ज़हर है, जिसे अब हमें अपने जीवन से दूर करना ही होगा। हम सब मिलकर एक स्वस्थ समाज की नींव रखें।”





शहर की सड़कों पर गूंजे संकल्प और चेतना के स्वर

रैली के दौरान ‘तंबाकू को ना कहो’, ‘स्वस्थ बनो, मजबूत बनो’, ‘धूम्रपान छोड़ो, जीवन जोड़ो’, जैसे गगनभेदी नारे गूंजते रहे। प्रतिभागियों के जोश और ऊर्जा ने वातावरण को जीवंत कर दिया। इस रैली ने न केवल लोगों का ध्यान खींचा, बल्कि उन्हें सोचने पर भी मजबूर किया।




तंबाकू: एक अदृश्य खतरा

सिविल सर्जन डॉ. शिल्पी सराफ ने अपने संबोधन में बताया कि –

> “भारत में प्रतिवर्ष लाखों लोग तंबाकू जनित रोगों से असमय मौत का शिकार होते हैं। इससे कैंसर, फेफड़े व मुंह की बीमारियाँ, हृदय रोग जैसी गंभीर समस्याएं उत्पन्न होती हैं। खासकर युवा वर्ग को इससे दूर रखना आज की सबसे बड़ी जरूरत है।”

डॉक्टर शिल्पी सराफ



उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि सरकार द्वारा बनाए गए तंबाकू नियंत्रण कानून (COTPA) का कड़ाई से पालन किया जाना चाहिए, ताकि समाज को इस जानलेवा आदत से मुक्त किया जा सके।




प्रशासनिक और सामाजिक सहभागिता से सजी रैली

इस प्रेरणादायक रैली में न केवल स्वास्थ्य विभाग, बल्कि विभिन्न सामाजिक संगठनों, शैक्षणिक संस्थानों और समाजसेवियों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। इस अवसर पर प्रमुख रूप से उपस्थित रहे:

डॉ. पुनीत श्रीवास्तव – नोडल अधिकारी

श्री रोशन शर्मा – सामाजिक न्याय विभाग

श्रीमती पूजा सोनी – सहायक प्रबंधक, जिला अस्पताल

श्री धीरेंद्र श्रीवास्तव, श्री रजनीश गुप्ता सहित स्वास्थ्य विभाग का मैदानी अमला





नव पीढ़ी को दी नई दिशा

यह रैली केवल एक आयोजन नहीं, बल्कि जन-जागरूकता का जीवंत उदाहरण थी। इससे युवा पीढ़ी को यह संदेश गया कि जीवन को बेहतर बनाने के लिए तंबाकू जैसे धीमे ज़हर से दूरी बनाना अत्यंत आवश्यक है।




समापन पर एक आह्वान

रैली के अंत में यह स्पष्ट हो गया कि शहडोल अब तंबाकू के खिलाफ एकजुट हो चुका है। सभी ने यह संकल्प लिया कि वे स्वयं तंबाकू से दूर रहेंगे और दूसरों को भी इस विनाशकारी आदत से बचाने में अपना योगदान देंगे।

> “तंबाकू छोड़ो, जीवन अपनाओ – यही है सच्चे नागरिक का पहला कर्तव्य!”





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