“लॉटरी ने बदली किस्मत: अब हर बच्चा पढ़ेगा मनचाहे स्कूल में – बिल्कुल मुफ्त!”

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🎉 लॉटरी से बदली तक़दीर: अब मनचाहे प्राइवेट स्कूलों में पढ़ेंगे नन्हे सपने

शहडोल में शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत 898 बच्चों को निशुल्क प्रवेश मिला, अभिभावकों में खुशी की लहर

शहडोल, 31 मई 2025 –पत्रकार विनय की रिपोर्ट (8349627682)


कहते हैं कि शिक्षा हर बच्चे का अधिकार है, लेकिन जब ये अधिकार मनचाहे स्कूल में निशुल्क मिल जाए, तो यह केवल एक अवसर नहीं, बल्कि आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों के लिए सपनों को पंख लगने जैसा होता है।
ऐसी ही सौगात इस बार मिली है शहडोल जिले के सैकड़ों बच्चों को, जिनका चयन ‘शिक्षा का अधिकार अधिनियम (RTE)’ के अंतर्गत लॉटरी प्रक्रिया के माध्यम से प्राइवेट स्कूलों में निशुल्क प्रवेश के लिए हुआ है।

📌 लॉटरी में चमके 898 बच्चों के भविष्य के सितारे

जिला शिक्षा केंद्र शहडोल के जिला परियोजना समन्वयक ने जानकारी दी कि शैक्षणिक सत्र 2025–26 के लिए शिक्षा का अधिकार अधिनियम के अंतर्गत निशुल्क प्रवेश हेतु जिले में 1547 ऑनलाइन आवेदन प्राप्त हुए थे।
इनमें से 1324 आवेदन पूर्ण सत्यापन के बाद स्वीकृत किए गए। इसके पश्चात 29 मई को राज्य शासन द्वारा ऑनलाइन लॉटरी प्रणाली से स्कूल आवंटन की प्रक्रिया संपन्न की गई।
इस लॉटरी प्रक्रिया में 898 छात्रों को शहडोल के 228 अशासकीय विद्यालयों में प्रवेश के लिए सीटें आवंटित की गईं।

📨 मोबाइल पर आएगा मैसेज, समय पर लें प्रवेश

चयनित छात्रों के अभिभावकों को 2 जून से 10 जून के बीच मोबाइल मैसेज के माध्यम से संबंधित विद्यालय की जानकारी दी जाएगी। उन्हें अपने आवश्यक दस्तावेजों और पंजीकृत मोबाइल नंबर के साथ समय-सीमा के भीतर संबंधित स्कूल में उपस्थित होकर प्रवेश लेना अनिवार्य है।
यदि निर्धारित समय-सीमा में प्रवेश नहीं लिया गया, तो वह सीट रद्द हो जाएगी और इसकी पूर्ण जिम्मेदारी अभिभावकों की होगी।

⚠️ अनदेखी पर सख्त कार्रवाई का संकेत

शिक्षा विभाग ने स्पष्ट किया है कि संबंधित विद्यालयों को भी उनके पोर्टल पर चयनित छात्रों की जानकारी उपलब्ध कराई गई है। वे अभिभावकों से सम्पर्क कर प्रवेश सुनिश्चित कराएं। यदि कोई निजी स्कूल जानबूझकर प्रवेश से इनकार करता है या प्रक्रिया में बाधा उत्पन्न करता है, तो उन पर RTE अधिनियम के तहत कठोर कार्रवाई की जाएगी।

👪 अभिभावकों में उत्साह और राहत की दोहरी भावना

इस प्रक्रिया से जिले के सैकड़ों परिवारों को बड़ी राहत मिली है। अब उनके बच्चे आर्थिक सीमाओं के बावजूद सर्वोत्तम निजी विद्यालयों में पढ़ाई कर सकेंगे।कई माता-पिता ने कहा कि यह मौका उनके बच्चों के भविष्य को नई दिशा देने जैसा है, जिसे वे कभी अपने दम पर पूरा नहीं कर पाते।





> शिक्षा का यह अवसर केवल एक सीट नहीं, बल्कि एक जीवन संवारने की शुरुआत है। समय-सीमा का पालन करें, स्कूल में संपर्क करें, और सुनिश्चित करें कि आपके बच्चे को उसका अधिकार पूरी गरिमा के साथ मिले।





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