बयौहारी।
जिला शहडोल की तहसील बयौहारी अंतर्गत ग्राम पंचायत परतीपापौंध में अंत्योदय अन्न योजना के तहत गरीबों को दिए जाने वाले राशन में भारी अनियमितताओं और भ्रष्टाचार का मामला सामने आया है।
सरकार द्वारा चलाई जा रही इस योजना का उद्देश्य गरीब और जरूरतमंद लोगों तक मुफ्त राशन पहुंचाना है, लेकिन जमीनी स्तर पर जिम्मेदार लोग ही इस योजना को पलीता लगाने में लगे हुए हैं। गांव में राशन वितरण की जिम्मेदारी निभा रहे डीलर राजयशी चतुर्वेदी पर गंभीर आरोप लगे हैं कि वे गरीबों के साथ खुली धोखाधड़ी कर रहे हैं।
कैसे हो रही है राशन में हेराफेरी?
स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया है कि उन्हें मिलने वाला राशन वजन में कम दिया जा रहा है। उदाहरण के लिए, जब उन्हें 30 किलो राशन मिलना चाहिए, तो उसे अंदर तौला जाता है, लेकिन जब वह बाहर आकर पुनः तौलवाते हैं, तो वजन केवल 28 किलो निकलता है। यह सीधे तौर पर 2 किलो राशन की हेराफेरी है – और यह सिलसिला लंबे समय से चल रहा है।
आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र में हो रहा शोषण
यह क्षेत्र गोड, घुनिकर, अदा, गडवरिया जैसी बहुजन और आदिवासी आबादी का है, जहां आज भी लोग अत्यधिक गरीबी में जीवनयापन कर रहे हैं। ऐसे में यदि सरकारी योजनाओं का लाभ भी सही ढंग से न पहुंचे, तो इन परिवारों के लिए दो वक्त की रोटी जुटाना भी मुश्किल हो जाता है।
प्रशासन बना मूकदर्शक
सबसे चिंता की बात यह है कि अब तक खाद्य विभाग और अन्य जिम्मेदार अधिकारी इस गंभीर मामले में कोई ठोस कार्रवाई नहीं कर पाए हैं। न तो डीलर के खिलाफ जांच शुरू हुई है और न ही ग्रामीणों की शिकायतों पर कोई संज्ञान लिया गया है।
ग्रामीणों की मांग
ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि राशन वितरण में हो रही इस गड़बड़ी की उच्चस्तरीय जांच करवाई जाए और दोषी डीलर राजयशी चतुर्वेदी के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए। साथ ही भविष्य में ऐसी घटनाएं दोबारा न हों, इसके लिए निगरानी तंत्र को मजबूत किया जाए।
> यह घटना एक बार फिर से यह सोचने पर मजबूर कर देती है कि क्या वाकई सरकारी योजनाएं जरूरतमंदों तक पहुंच रही हैं, या बीच में ही भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ रही हैं?
