द्वितीय तूफानी डांक कांवड़ यात्रा : सोरो से खोड़ (किर्रायंच) तक भक्ति, उत्साह और एकता का अनुपम संगम

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खोड़ (किर्रायंच), तहसील पोरसा,
जिला मुरैना (म.प्र.) से रिपोर्ट |


मध्यप्रदेश के मुरैना जिले के खोड़ (किर्रायंच) गांव में भक्ति, साहस और सांस्कृतिक जागरूकता का अनूठा उदाहरण पेश करते हुए द्वितीय तूफानी डांक कांवड़ यात्रा का आयोजन किया गया। यह यात्रा उत्तर प्रदेश स्थित पावन स्थल “सोरो धाम” से आरंभ होकर, कई जिलों की सीमाएँ पार करते हुए अपने गंतव्य — खोड़ (किर्रायंच) में भव्य स्वागत और जलाभिषेक के साथ सम्पन्न हुई।

यात्रा का समय “भोले बाबा की इच्छा अनुसार” रखा गया, जो आयोजकों की पूर्ण आस्था और समर्पण को दर्शाता है।




🔱 धार्मिक एवं सांस्कृतिक महत्व:

डांक कांवड़ यात्रा का विशेष महत्व है — इसमें कांवड़िए अविराम दौड़ते हुए जल लेकर शिवधाम पहुँचते हैं। यह तीव्रता, तपस्या और शिव के प्रति समर्पण का प्रतीक मानी जाती है।

यह यात्रा न केवल व्यक्तिगत भक्ति, बल्कि सामुदायिक एकता का भी उदाहरण है। ग्रामीण युवक शिव की सेवा में तन-मन-धन से जुड़कर संपूर्ण समाज को धार्मिक मूल्यों की ओर प्रेरित करते हैं।

क्षेत्र में यह यात्रा धार्मिक चेतना के प्रसार, युवा नेतृत्व के विकास और सांस्कृतिक पुनर्जागरण की ध्वजवाहक बन चुकी है।





🚩 क्षेत्रीय महत्व:

1. युवा शक्ति की एकजुटता: यह यात्रा युवाओं को नशा, असामाजिक प्रवृत्तियों व व्यर्थ गतिविधियों से दूर कर धार्मिक अनुशासन व सेवा भावना से जोड़ती है।


2. सांस्कृतिक जागरूकता: पुरानी परंपराओं को जीवित रखते हुए यह आयोजन अगली पीढ़ी तक सांस्कृतिक धरोहर को संप्रेषित करता है।


3. गांव की पहचान: यह यात्रा अब केवल एक धार्मिक क्रियाकलाप नहीं, बल्कि खोड़ गांव की पहचान और गौरव बन चुकी है।


4. सामाजिक समरसता: इस यात्रा में जाति, वर्ग, विचारधारा से परे समस्त ग्रामीण एकत्रित होते हैं, जिससे सामाजिक एकता और सौहार्द को बल मिलता है।






🙏 आयोजन समिति के प्रमुख शिवभक्त:

रामकरण, भूरे सिंह, संदीप सर, पंकज सिंह, शिवा भाई (RAFF)

मोहित, निकारा, सौरभ, शिवन, सुदेश, जीलेश, गौरव आर्मी, गोटे

राजन, विकर्माल, विपिन, अभय, महावीर, सचिन, रिपी


इन्हीं शिवभक्तों के उत्साह और कठोर अनुशासन ने यात्रा को ऊर्जावान व दिव्य रूप प्रदान किया।




🤝 सहयोगकर्ता:

इस धार्मिक आयोजन में सहयोग देने वाले प्रमुख सहयोगी रहे:
शिवम, अंकित, आष्तिक, अनुराग, अमन, मुनेश
जिनके योगदान से यह यात्रा अनुशासित, भव्य और सौहार्दपूर्ण बनी रही।




🕉️ निवेदक:

समस्त ग्रामवासी एवं शिवभक्तगण – खोड़ (किर्रायंच)
तहसील – पोरसा, जिला – मुरैना (म.प्र.)

सभी श्रद्धालुजन इस यात्रा को हर वर्ष और अधिक भव्य बनाने का संकल्प लेते हुए भोलेनाथ से क्षेत्र की सुख-शांति, वर्षा और समृद्धि की प्रार्थना करते हैं।





द्वितीय तूफानी डांक कांवड़ यात्रा न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि यह क्षेत्रीय विकास, युवा चेतना और सामाजिक समरसता का भी सशक्त माध्यम बन चुकी है। देश भर में ऐसी यात्राओं से गांवों का आध्यात्मिक और सांस्कृतिक उन्नयन संभव हो रहा है।


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