पंचायत भवन निर्माण में गुणवत्ता की अनदेखी! किर्रायच गांव के ग्रामीणों ने जताई गहरी नाराजगी

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मुरैना, अम्बाह।

मुरैना जिले के अम्बाह ब्लॉक अंतर्गत ग्राम पंचायत किर्रायच में निर्माणाधीन पंचायत भवन के निर्माण कार्य पर गंभीर सवाल उठते नजर आ रहे हैं। ग्रामवासी राम नरेश सिंह तोमर ने निर्माण कार्य की गुणवत्ता को लेकर सीएम हेल्पलाइन (शिकायत क्रमांक 32139618) के माध्यम से 1 मई 2025 को शिकायत दर्ज कर प्रशासन से हस्तक्षेप की मांग की है।

श्री तोमर के अनुसार, पंचायत भवन का निर्माण कार्य न केवल धीमी गति से चल रहा है, बल्कि इसमें प्रयुक्त सामग्री भी घटिया किस्म की है। शिकायतकर्ता का कहना है कि ईंटों की मजबूती संदेहास्पद है, सीमेंट की मात्रा निर्धारित मानकों से कम उपयोग की जा रही है और निर्माण के दौरान मिक्सिंग प्रक्रिया भी बिना तकनीकी निगरानी के हो रही है। परिणामस्वरूप भवन की नींव से लेकर दीवारों तक में दरारें उभरने लगी हैं, जो भविष्य में बड़ा खतरा बन सकती हैं।

“जनता के पैसों से हो रहा है निर्माण, लेकिन काम में नहीं झलकती जवाबदेही”

श्री तोमर का यह भी आरोप है कि पंचायत स्तर के जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा इस कार्य की नियमित मॉनिटरिंग नहीं की जा रही है। उन्होंने कहा कि सरकारी योजनाओं के तहत ग्राम पंचायतों को बुनियादी सुविधाएं देने का उद्देश्य तभी सफल हो सकता है जब निर्माण कार्य पारदर्शिता और गुणवत्ता के साथ हो। लेकिन वर्तमान में ऐसा कुछ भी देखने को नहीं मिल रहा।

ग्रामीणों की बढ़ती चिंता, युवा वर्ग ने भी उठाई आवाज

गांव के कई अन्य निवासियों ने भी इस मुद्दे पर चिंता जाहिर की है। उनका कहना है कि यदि भवन निर्माण में यही रवैया रहा तो कुछ वर्षों में भवन जर्जर स्थिति में पहुंच सकता है। युवाओं ने इस मामले में सोशल मीडिया पर भी आवाज उठानी शुरू कर दी है और एक जन-जागरूकता अभियान शुरू करने की बात कर रहे हैं।

प्रशासन से जल्द कार्रवाई की मांग:

शिकायत फिलहाल पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के संबंधित अधिकारी के पास लंबित है। शिकायत की स्थिति “प्रगति विवरण अपेक्षित” दर्शाई गई है, जिससे यह स्पष्ट है कि अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। ग्रामीणों ने जिला कलेक्टर और जनसुनवाई के दौरान कार्यालय से भी अपील की है कि वे स्वयं स्थल पर निरीक्षण कर वस्तुस्थिति की जांच करें और दोषियों पर कार्रवाई सुनिश्चित करें।

इस तरह के लापरवाह निर्माण कार्य न केवल जनधन की बर्बादी हैं, बल्कि यह भविष्य में जान-माल के लिए भी खतरा बन सकते हैं। आवश्यकता है कि संबंधित विभाग गंभीरता से संज्ञान लेकर निर्माण गुणवत्ता की जांच कराए और दोषी ठेकेदारों तथा जिम्मेदार अधिकारियों पर दंडात्मक कार्रवाई की जाए।


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