पोरसा स्वास्थ्य केंद्र में एक्स-रे सुविधा ठप: मरीजों की लंबी कतारें, पुरानी मशीन बन रही जानलेवा, डिजिटल तकनीक लाने की उठी मांग

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पोरसा (मुरैना)। नीरज पचौरी और विनय की संयुक्त रिपोर्ट।

मध्यप्रदेश के मुरैना जिले के पोरसा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में बुनियादी स्वास्थ्य सुविधा की बड़ी चूक सामने आई है। यहां एक्स-रे मशीन महीनों से खराब पड़ी है, जिससे प्रतिदिन इलाज के लिए आने वाले सैकड़ों मरीजों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

एक ओर जहां मरीज बिना जांच के लौटने को मजबूर हैं, वहीं दूसरी ओर प्राइवेट सेंटरों की ओर रुख कर उन्हें अनावश्यक खर्च भी उठाना पड़ रहा है। इस स्थिति ने पोरसा क्षेत्र की स्वास्थ्य व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।




हर दिन 500-600 मरीज, लेकिन एक्स-रे सुविधा नहीं

पोरसा के इस सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में प्रतिदिन लगभग 500 से 600 मरीज ओपीडी में इलाज के लिए पहुंचते हैं। इनमें से औसतन 20 से अधिक मरीज ऐसे होते हैं जिन्हें एक्स-रे की आवश्यकता होती है। मशीन के ठप होने के चलते इन मरीजों को या तो बिना जांच लौटना पड़ता है या फिर निजी अस्पतालों में जांच कराकर वापस आना पड़ता है — जिससे इलाज में देरी और खर्च दोनों बढ़ते हैं।




जर्जर मशीन बनी खतरा — ऑयल लीक से स्वास्थ्यकर्मियों को भी जोखिम

जानकारी के अनुसार, एक्स-रे मशीन न केवल पुरानी है, बल्कि अत्यंत खराब हालत में है। इसमें तकनीकी गड़बड़ियां हैं और उससे ऑयल भी लीक हो रहा है, जिससे न सिर्फ रिपोर्ट की सटीकता प्रभावित हो रही है, बल्कि तकनीशियन और मरीज दोनों की सुरक्षा को भी खतरा है। स्वास्थ्य मापदंडों के अनुसार, इस स्थिति में मशीन का उपयोग पूरी तरह से असुरक्षित माना जाता है।


डॉक्टरों की चेतावनी को किया गया नजरअंदाज, समाधान अब भी अधर में

स्वास्थ्य केंद्र के डॉक्टरों ने इस मुद्दे को गंभीरता से लेते हुए कई बार विभागीय अधिकारियों को पत्र लिखे। इसके बावजूद मशीन को केवल अस्थायी रूप से सुधारकर दोबारा शुरू किया गया, जो कुछ ही दिनों में फिर से बंद हो गई।

जनता की एकजुट मांग — अब केवल मरम्मत नहीं, चाहिए नई डिजिटल मशीन

स्थानीय नागरिकों और सामाजिक संगठनों का कहना है कि अब समय आ गया है कि पोरसा जैसे व्यस्त स्वास्थ्य केंद्र में डिजिटल तकनीक वाली नई एक्स-रे मशीन लगाई जाए। इससे न सिर्फ तेज और सटीक जांच संभव होगी, बल्कि रोग का शीघ्र निदान और इलाज भी सुनिश्चित हो सकेगा।


बयान — जमीनी हकीकत की आवाज

पवन शर्मा, पचौरी पूरा निवासी मरीज:

“हाथ में समस्या थी, एक्स-रे कराने अस्पताल आया लेकिन बताया गया कि मशीन खराब है। मजबूरी में प्राइवेट सेंटर में ₹300 देकर एक्स-रे करवाया और फिर अस्पताल आकर दिखाया। गरीब आदमी के लिए ये खर्च बहुत भारी है।”

देवेंद्र नागर, कर्मचारी, पोरसा स्वास्थ्य केंद्र:

“मशीन से ऑयल टपक रहा है, एक्स्पोज़र कंट्रोल नहीं होता जिससे रिपोर्ट सही नहीं आती। कई बार यह स्थिति जानलेवा भी हो सकती है। ऐसी मशीन से काम करना जोखिम भरा है।”


डॉ. पुष्पेंद्र डंडौतिया, मेडिकल ऑफिसर, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पोरसा:

“हमने मशीन की खराबी की शिकायत ऑनलाइन पोर्टल और विभाग को भेज दी है। कई बार तकनीकी सुधार हुए लेकिन अब मशीन पूरी तरह बदलने की आवश्यकता है, क्योंकि यह समस्या बार-बार सामने आ रही है।”


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