खाद संकट पर किसानों का फूटा गुस्सा, विधायक फुंदेलाल सिंह मार्को की अगुवाई में हुआ चक्काजाम

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राजेंद्रग्राम, पुष्पराजगढ़ (अनूपपुर): विनय की कलम से (8349627682)


पुष्पराजगढ़ विधानसभा क्षेत्र में इन दिनों किसानों को डीएपी और यूरिया खाद की भारी किल्लत का सामना करना पड़ रहा है। लगातार दस दिनों से खाद के लिए लाइन में खड़े होने के बावजूद किसानों को खाद नहीं मिल पा रही है। हालात से परेशान सैकड़ों किसानों ने शुक्रवार को विधायक फुंदेलाल सिंह मार्को के नेतृत्व में राजेंद्रग्राम में चक्काजाम कर प्रशासन और शासन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया।

खाद की कमी से बर्बाद हो रही फसलें

किसानों का कहना है कि खेतों में धान और अन्य फसलों की बुआई का समय निकलता जा रहा है, लेकिन पर्याप्त खाद न मिलने के कारण खेती का काम अधर में लटक गया है। गांव-गांव से किसान खाद वितरण केंद्रों तक आ रहे हैं, लेकिन उन्हें 12 से 15 घंटे लंबी कतारों में खड़े रहने के बाद भी खाली हाथ लौटना पड़ता है।

बेतरतीब आपूर्ति और कालाबाज़ारी से नाराजगी

प्रदर्शन कर रहे किसानों ने बताया कि सहकारी समितियों और वितरण केंद्रों तक खाद की आपूर्ति बेहद सीमित है। जो खाद आता भी है, वह चुनिंदा किसानों को बांट दिया जाता है। कई जगहों पर खाद-बीज की कालाबाजारी की भी शिकायतें सामने आई हैं। किसानों का आरोप है कि कुछ कर्मचारियों और पदाधिकारियों की मिलीभगत से यह गड़बड़झाला चल रहा है।

बारिश में भी नहीं डिगे कदम

शुक्रवार को तेज बारिश के बावजूद बड़ी संख्या में किसान छाता और रेनकोट लेकर प्रदर्शन स्थल पर पहुंचे। सभी किसान शांतिपूर्वक सड़क पर बैठकर सरकार और प्रशासन के खिलाफ नारेबाज़ी करते रहे। चक्काजाम के कारण राजेंद्रग्राम और आसपास के क्षेत्रों में यातायात पूरी तरह से बाधित रहा।

प्रशासन ने मानी मांगें, लिखित में दिया आश्वासन

करीब तीन घंटे तक चले प्रदर्शन के बाद मौके पर पहुंचे कृषि और राजस्व विभाग के अधिकारियों ने खाद वितरण को लेकर लिखित आश्वासन दिया। अधिकारियों ने सुबह 10 बजे तक खाद उपलब्ध कराने की बात मानी, जिसके बाद विधायक फुंदेलाल सिंह मार्को के आग्रह पर किसानों ने चक्काजाम समाप्त किया।



विधायक ने दी चेतावनी

विधायक मार्को ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर किसानों को समय पर खाद और बीज नहीं मिला, तो भविष्य में और बड़े आंदोलन किए जाएंगे। उन्होंने कहा,
“यह लड़ाई किसी दल या पद के लिए नहीं, बल्कि किसानों के जीवन और सम्मान की है। किसान महीनों की मेहनत से अनाज उगाता है, लेकिन खाद जैसी मूलभूत सुविधा के लिए उसे सड़क पर उतरना पड़ रहा है – यह बेहद शर्मनाक है।”

प्रशासन के लिए सबक

इस प्रदर्शन ने स्थानीय प्रशासन को झकझोर कर रख दिया है। अधिकारी अब इस बात की समीक्षा कर रहे हैं कि आखिर खाद-बीज की आपूर्ति में चूक कहां हो रही है, और कैसे सुनिश्चित किया जाए कि जरूरतमंद किसानों तक समय पर और पर्याप्त मात्रा में सामग्री पहुंचे।



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