शहडोल।
आज का दिन संगठन के इतिहास में एक स्वर्णिम अध्याय के रूप में दर्ज हो गया, जब शहडोल जिलाधीश डॉ. केदार सिंह जी ने संगठन द्वारा प्रस्तुत तीन अहम मांगों पर गंभीरता से विचार करते हुए सैद्धांतिक सहमति प्रदान की। उन्होंने न केवल इन मांगों की महत्ता को स्वीकारा, बल्कि स्वयं पहल कर उनके शीघ्र क्रियान्वयन का आश्वासन भी दिया।
संगठन की तीन प्रमुख मांगें, जिन पर मिली सहमति:
1. शहीद सैनिकों और स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के सम्मान में स्मारकों का निर्माण एवं जीर्णोद्धार।
2. 15 अगस्त के स्वतंत्रता दिवस समारोह में स्टेडियम में भूतपूर्व सैनिकों के लिए अलग से गरिमामयी बैठने की व्यवस्था।
3. युवाओं के लिए स्टेडियम में शारीरिक प्रशिक्षण हेतु स्थायी संसाधनों की स्थापना।
इन तीनों प्रस्तावों पर जिलाधीश डॉ. सिंह की सहमति ने न केवल संगठन के कार्यों को नई दिशा दी, बल्कि शहडोल जिले के सैनिकों, युवाओं और नागरिकों के प्रति शासन की संवेदनशीलता और प्रतिबद्धता को भी दर्शाया।
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युवा पीढ़ी के लिए कोचिंग और प्रशिक्षण की नई पहल
वर्तमान में यह शारीरिक प्रशिक्षण कार्यक्रम गुरुकुल एकेडमी द्वारा संचालित किया जा रहा है। भविष्य में, संबंधित संचालकों की सहमति से, संगठन और एकेडमी के संयुक्त प्रयास से यह कार्यक्रम और विस्तार पाकर युवाओं को निःशुल्क शारीरिक प्रशिक्षण तथा विभिन्न भर्ती परीक्षाओं की तैयारी में सहायता प्रदान करेगा।
जिलाधीश महोदय ने इस पर भी हर संभव प्रशासनिक सहयोग देने की बात कही।
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बैठक में प्रमुख संगठन प्रतिनिधियों की भागीदारी
इस ऐतिहासिक बैठक में संगठन के अध्यक्ष के साथ-साथ वरिष्ठ पदाधिकारी
श्री एस. मजुमदार,
श्री सूर्यकांत तिवारी
तथा श्री चंद्र प्रताप गोस्वामी उपस्थित रहे।
इन सभी ने एक स्वर में जिलाधीश महोदय का आभार प्रकट किया और संगठन की ओर से जिले में सामाजिक-राष्ट्र निर्माण से जुड़ी हर पहल में सहयोग का आश्वासन दिया।
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15 अगस्त के कार्यक्रम में संगठन की गरिमामयी भागीदारी का आह्वान
संगठन ने समस्त सदस्यों से 15 अगस्त को प्रातः 8:00 बजे सैनिक कल्याण कार्यालय, शहडोल में आयोजित झंडा अवरोहण कार्यक्रम में सम्मिलित होने तथा उसके बाद स्टेडियम में स्वतंत्रता दिवस समारोह में पूर्ण अनुशासन और ड्रेस कोड के साथ उपस्थिति दर्ज कराने का अनुरोध किया है।
ड्रेस कोड निर्धारित:
फुल स्लीव सफेद शर्ट
काली फुल पैंट
जैकेट
काले जूते
ब्राउन मोजे
सर्विस कैप
इस एकरूपता से संगठन की गरिमा और एकजुटता की स्पष्ट झलक आम जनमानस को मिलेगी।
