सर्वाधिक प्रचलित लोक – 1 गेहूं किस्म मे से एक है जिसे मध्य भारत के किसान भूल नहीं पाएं

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नाम तो तीन पीढ़ियों ने सुन रखा होगा और आज भी भारत में सर्वाधिक प्रचलित गेहूं किस्म मे से एक है जिसे मध्य भारत के किसान भूल नहीं पाएं है। लोक – 1 गेहूं की वह किस्म है जिसको अभी भी किसान पसंद करता है “हारे का सहारा बाबा श्याम हमारा” की तर्ज पर लोक – 1 ने भी किसान को कभी निराश नहीं किया। 1981 में नोटिफाई होने के बाद किसानो की पहली पसंद बनने के पीछे इस किस्म के बहुत से गुण थे जो एक साथ आज भी किसी किस्म में नहीं है।

  1. अनुकूलन : इस किस्म की बुवाई जल्दी से लेकर लेट तक की जा सकती है। आप इसे अक्टूबर से लेकर दिसंबर तक लगा सकते है जोकि अन्य किस्मो में कहीं न कहीं उपज को प्रभावित करता है।
  2. सिंचाई : सामान्य गेहूं को 5 से 6 सिंचाई की आवशयकता होती है लेकिन शोध के आंकड़े बताते है लोक -1 2 से लेकर 4 सिंचाई तक में सामान सिंचाई स्तर पर अन्य किस्मो की अपेक्षा बेहतर परिणाम देता है।
  3. खिरने की समस्या नहीं : तत्कालीन समय में उपलब्ध गेहूं किस्मो में अधिक पकने पर खिरने की समस्या थी जो इस किस्म में नहीं थी किसान को फसल काटने के लिए हड़बड़ी नहीं करनी पड़ती थी और किसान का नुकसान नहीं होता था। थ्रेशर की उपलब्धता के बाद इस किस्म का फैलाव एक दम बढ़ा और ये किस्म किसानो की पहली पसंद बरसो बरस तक बनी रही और आज भी एक विकल्प के रूप में यह किसान की पसंद है कुछ नहीं मिला तो लोक – 1।
  4. चूँकि मध्य भारत के गेहूं खाये जाने वाले क्षेत्र में इसकी खेती बड़े पैमाने पर होती रही तो खाने में भी लोगो द्वारा इसे पसंद किया गया इसका बड़ा चमकदार दाना आज भी लोगो को आकर्षित करता है और बाजार में लोक -1 की मांग बनी हुई है। बाजार की मांग होने से अकूत प्रयास के बाद भी लोक – 1 को जनमानस से दूर नहीं किया जा सका है। फिर भले ही उसका उत्पादन कम क्यों नहीं हो।
  5. रोटी की गुणवत्ता : औसत रोटी की गुणवत्ता भी इसे अभी चलन में बनाये हुए है।

उपभोक्ता भी इसका दाना और नाम सुनकर इसे लेना चाहता है ये अलग बात है की इसके जैसी दिखने वाली दूसरी किस्मे भी उसको इसी नाम से दे दी जाती है।

आज भी बड़े पैमाने पर सैकड़ों नयी किस्मो के आने के बाद भी लोक – 1 40 वर्षो से किसानो की पसंद बना हुआ है वहीँ जनमानस भी खाने में इसी को जानता है तो बाजार में आसानी से बेचा ख़रीदा भी जाता है। लगता नहीं है आने वाले बरसो में भी लोक – 1 की सभी विशेषताओं को समाहित करते हुए कोई नयी किस्म इतना पॉपुलर हो पायेगी जो स्थान लोक – 1 ने बनाया है उस पर किसी नयी किस्म का विराजमान होना अभी दूर की कौड़ी है।

कृषि कथाएं

Re-post Nov. 2022

Photo : Google से साभार


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