पोरसा।
महाशिवरात्रि का महापर्व पोरसा में श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाया गया। भगवान शिव और देवी पार्वती के विवाह की वर्षगांठ के इस पवित्र दिन, शहर भर में शिव भक्तों ने व्रत उपवास रखकर पूजा अर्चना की। मंदिरों में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखी गई, जबकि बाजारों में फल और अन्य पूजा सामग्री की कीमतों में 25 से 50 प्रतिशत तक वृद्धि हो गई।
शहर के प्रमुख शिवालयों में भगवान शिव का अभिषेक और पूजा अर्चना हुई। विशेष रूप से, मुक्तिधाम पोरसा में डॉक्टर अनिल गुप्ता के सानिध्य में 108 औषधियों से अभिषेक किया गया और भस्म आरती का आयोजन किया गया। इस अवसर पर सैकड़ों श्रद्धालु शामिल हुए, जिन्होंने भगवान भोलेनाथ की भक्ति में समय बिताया।

शोभायात्रा और भक्तों का उत्साह:
ब्राह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय, गांधीनगर द्वारा एक भव्य शोभायात्रा का आयोजन किया गया। यह यात्रा अंबा रोड, सदर बाजार, सब्जी मंडी रोड, अटेर रोड, और भिंड रोड होते हुए गांधीनगर आश्रम तक पहुंची। शोभायात्रा में सैकड़ों भक्तों ने गंगाजल और अन्य पूजन सामग्री के साथ महादेव का आशीर्वाद प्राप्त किया। इस यात्रा में जयकारों के साथ श्रद्धा का प्रदर्शन हुआ, जिसमें महिला और पुरुष भक्तों की बड़ी संख्या शामिल थी।

मुक्तिधाम महाकाल मंदिर में विशेष आयोजन:
मुक्तिधाम के महाकाल मंदिर में महाशिवरात्रि के अवसर पर विशेष अनुष्ठान हुआ। पहले भस्म आरती का आयोजन किया गया, इसके बाद 108 औषधियों से पंचामृत अभिषेक हुआ। इस आयोजन में शंकर और पार्वती के पूजन के साथ-साथ भक्तों ने गाजा, धतूरा, भांग, बेलपत्र, आंवला, गिलोय, हर सिगार और अन्य औषधियों से भगवान शिव की पूजा की।
मुख्य आयोजक और प्रमुख लोग:
इस भव्य आयोजन में माथुर वैश्य इंटरनेशनल क्लब और डॉक्टर अनिल गुप्ता की प्रमुख भूमिका रही। आयोजन में महेश पेगोरिया, आलोक गुप्ता, संजय अग्रवाल, सुरेंद्र जाटव, डॉ. वर्मा और अन्य प्रमुख लोग उपस्थित रहे। इसके अलावा, पोरसा के विभिन्न क्षेत्रों से बड़ी संख्या में नर-नारी भक्तों ने इस आयोजन में भाग लिया।
शहर गूंजा ओम नमः शिवाय के उद्घोष से:
संपूर्ण पोरसा शहर महाशिवरात्रि के पावन अवसर पर “ओम नमः शिवाय” के उद्घोष से गूंज उठा। सड़कें, मंदिर और घर-घर में महाकाल की भक्ति की लहर फैल गई, जिससे शहर का वातावरण शिवमय हो गया। यह आयोजन पोरसा के धार्मिक जीवन में एक महत्वपूर्ण क्षण बन गया, जिसमें भक्तों ने एक साथ मिलकर भगवान शिव की पूजा की और उसकी कृपा प्राप्त की।
महाशिवरात्रि के इस उत्सव ने पोरसा में धार्मिक और सांस्कृतिक समागम का अद्वितीय उदाहरण प्रस्तुत किया, जो वर्षों तक याद रखा जाएगा।