पोरसा में हाल ही में आयोजित एक्यूप्रेशर शिविर ने यह साबित किया कि स्वस्थ जीवन जीने का एक सरल और प्रभावी तरीका आज भी हमारे पास है, जिसमें न तो महंगी दवाइयों की जरूरत है, न ही किसी विशेष उपचार की आवश्यकता। इस शिविर ने एक बार फिर से यह स्पष्ट किया कि एक्यूप्रेशर पद्धति न केवल शारीरिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाती है, बल्कि मानसिक शांति और ताजगी भी प्रदान करती है।
यह प्राचीन चिकित्सा पद्धति, जो भारतीय चिकित्सा विज्ञान का अहम हिस्सा रही है, आज भी लोगों के बीच लोकप्रिय है। शरीर के विभिन्न बिंदुओं पर दबाव डालने से यह पद्धति हमारे स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद करती है। भारतीय शास्त्रों में इसका उल्लेख इस प्रकार से किया गया है कि जब हम मंदिरों में जाते हैं और नंगे पांव चलते हैं, तो धरती पर स्थित कंकड़ और छोटे कण हमारे शरीर पर दबाव डालते हैं, जिससे स्वास्थ्य में सुधार होता है। यही विचार एक्यूप्रेशर के पीछे भी काम करता है।
उर्वशी सेंगर ने बताया एक्यूप्रेशर के लाभ:
इस शिविर में मुख्य अतिथि के रूप में पधारीं आईपीएस उर्वशी सेंगर ने एक्यूप्रेशर पद्धति के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने बताया कि यह पद्धति न केवल शारीरिक समस्याओं को दूर करती है, बल्कि मानसिक तनाव और थकान को भी कम करती है। उर्वशी सेंगर ने कहा, “यह एक ऐसी तकनीक है जो बिना किसी खर्च के और बिना किसी साइड इफेक्ट के हमें स्वस्थ रखती है।”
सात दिवसीय शिविर में लोगों को मिला अद्भुत लाभ:
जैन मिलन शाखा पोरसा, महिला विराग और बालिका पोरसा द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित सात दिवसीय एक्यूप्रेशर, वाइब्रेशन और सुजोक थेरेपी शिविर में 315 से अधिक लोगों ने भाग लिया और अपनी स्वास्थ्य समस्याओं से निजात पाई। डॉ. पी आर जाखड़, डॉ. डी आर जाखड़ और डॉ. श्रवण चौधरी ने इस शिविर में विशेषज्ञ रूप से उपचार प्रदान किया, जिससे कई लोगों को पुराने दर्द से राहत मिली।
विशिष्ट अतिथियों का मार्गदर्शन:
समापन समारोह में प्रमुख अतिथियों ने इस प्राचीन चिकित्सा पद्धति के लाभों पर चर्चा की। इन अतिथियों में राजकुमार जैन पांडे, राकेश जैन, समाजसेवी डॉ. अनिल गुप्ता, महावीर जैन और अन्य गणमान्य व्यक्ति शामिल थे। उन्होंने इस पद्धति को अपनाने के फायदों के बारे में बताया और लोगों से आग्रह किया कि वे इसे अपने जीवन में अपनाएं।
समाजसेवियों और पत्रकारों का सम्मान:
कार्यक्रम के दौरान समाजसेवियों, डॉक्टरों और पत्रकारों को सम्मानित किया गया। स्मृति चिन्ह देकर उनकी सेवाओं का आभार व्यक्त किया गया, जिसका उद्देश्य समाज में स्वस्थ जीवन के प्रति जागरूकता फैलाना था।
कार्यक्रम का सफल संचालन:
कार्यक्रम का संचालन जैन मिलन पोरसा के अध्यक्ष संजीव जैन और जितेंद्र जैन (रिंकू) ने किया। इस आयोजन को सफल बनाने में कई लोगों का योगदान रहा, जिनमें कोषाध्यक्ष विवेक जैन, सुरेंद्र जैन, अनिल जैन और अन्य शामिल थे। महिला टीम की अध्यक्ष संगीता जैन और मंत्री दिव्या जैन ने भी आयोजन की व्यवस्था में अहम भूमिका निभाई।
समाज की सक्रिय भागीदारी:
बालिका टीम की अध्यक्ष कु. मुस्कान जैन और अन्य सदस्य जैसे खुशी जैन, प्रिया जैन, तनु जैन और कु. आकांक्षा जैन ने शिविर को सफल और आकर्षक बनाने में योगदान दिया।
इस आयोजन ने यह सिद्ध कर दिया कि प्राचीन चिकित्सा पद्धतियों को अपनाकर हम अपने जीवन में सकारात्मक बदलाव ला सकते हैं। एक्यूप्रेशर पद्धति आज के दौर में एक बेहतरीन और प्रभावी उपचार के रूप में उभर कर सामने आई है।
