शहडोल की बेटियों ने रचा सुनहरा इतिहास: ज्ञानोदय स्कूल की सौम्या तिवारी और हिना देवी ने MP बोर्ड 12वीं की मेरिट में गढ़ा स्थान, बनना चाहती हैं प्रशासनिक अधिकारी

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शहडोल, मध्य प्रदेश।

पत्रकार विनय की रिपोर्ट।

मध्यप्रदेश माध्यमिक शिक्षा मंडल (MPBSE) द्वारा घोषित 12वीं बोर्ड परीक्षा 2025 के परिणामों में शहडोल जिले की दो छात्राओं ने अपनी प्रतिभा और परिश्रम से प्रदेशभर में जिले का मान बढ़ा दिया है।
ज्ञानोदय स्कूल, जो पुलिस लाइन क्षेत्र में स्थित है, वहां की छात्राएं हिना देवी और सौम्या तिवारी ने प्रदेश की टॉप मेरिट सूची में स्थान पाकर जिले का नाम स्वर्ण अक्षरों में दर्ज कर दिया है।


हिना देवी — प्रदेश में दूसरा स्थान

कला संकाय की छात्रा हिना देवी, जिन्होंने प्रदेश में दूसरा स्थान प्राप्त किया है, एक साधारण परिवार से ताल्लुक रखती हैं।
उनके पिता धम्मू बंजारा एक सरकारी स्कूल में शिक्षक हैं।
हिना की सफलता इस बात का प्रमाण है कि संसाधन चाहे जितने सीमित हों, अगर लगन और निरंतरता हो तो कोई भी शिखर अछूता नहीं।

हिना देवी और उनके पिता




सौम्या तिवारी — मेरिट में आठवां स्थान

वहीं सौम्या तिवारी, जिन्होंने प्रदेशभर में आठवां स्थान प्राप्त किया है, एक मध्यमवर्गीय परिवार से हैं।उनके पिता शैलेश तिवारी प्राइवेट नौकरी करते हैं और मां गृहिणी हैं।

सौम्या ने कठिन परिश्रम, अनुशासन और आत्मविश्वास के बल पर यह उपलब्धि हासिल की है। उन्होंने डिजिटल माध्यमों से पढ़ाई की, लेकिन सोशल मीडिया जैसे प्लेटफार्म — इंस्टाग्राम, फेसबुक, व्हाट्सएप — से पूरी तरह दूरी बनाए रखी।

सौम्या तिवारी और उनकी माता और बुआ




सपने बड़े, इरादे अडिग: बनना चाहती हैं प्रशासनिक अधिकारी

दोनों छात्राओं का सपना है कि वे आगे चलकर प्रशासनिक सेवा (IAS/PCS) में जाएं और समाज सेवा में योगदान दें। उन्होंने इस दिशा में तैयारी की शुरुआत कर दी है। इनकी सोच, दृष्टिकोण और स्पष्ट लक्ष्य उनकी परिपक्वता और दूरदृष्टि को दर्शाता है।


विद्यालय में जश्न का माहौल

ज्ञानोदय स्कूल में इस सफलता से उत्सव का माहौल है। विद्यालय के संचालक अजय सिंह और प्राचार्य रेखा सिंह ने दोनों छात्राओं की इस ऐतिहासिक सफलता पर हर्ष जताया और उनके उज्ज्वल भविष्य के लिए शुभकामनाएं दीं। बच्चियों के माता-पिता भी इस उपलब्धि से गदगद हैं और उन्होंने कहा कि यह क्षण उनके जीवन का सबसे गौरवपूर्ण है।



प्रेरणास्रोत बन गई हैं सौम्या और हिना

आज जब कई युवा मोबाइल, सोशल मीडिया और मनोरंजन में समय गंवा देते हैं, ऐसे में सौम्या और हिना जैसी छात्राएं न केवल खुद के लिए, बल्कि पूरे समाज के लिए प्रेरणा बन गई हैं। इनकी सफलता उन सभी

विद्यार्थियों के लिए संदेश है —

“यदि लक्ष्य स्पष्ट हो, मेहनत ईमानदार हो, और मार्ग संयमित हो, तो सफलता निश्चित है।”

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