शासकीय आदेश की अनदेखी : पूर्व के भी पूर्व बीएमओ डॉ. वी.के. जैन ने कार्यमुक्ति के बाद भी नहीं सौंपी कार्यालय की चाबी, प्रभारी डॉ. शुभम साकेत को किया जा रहा है नजरअंदाज

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पाली/ उमरिया, 28 मई 2025 | विशेष रिपोर्ट

मध्यप्रदेश के लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग द्वारा पारित एक स्पष्ट और विधिसम्मत आदेश के बावजूद उमरिया जिले के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पाली में गंभीर प्रशासनिक अनुशासनहीनता सामने आ रही है। शासन ने आदेश क्रमांक/01 जी/विज्ञप्त /सेल-5/2025/481-82 दिनांक 16 मई 2025 के तहत डॉ. निशांत सिंह परिहार, प्रभारी मुख्य खण्ड चिकित्सा अधिकारी (BMO), पाली का स्थानांतरण जिला शहडोल के व्यौहारी में कर दिया।

इस आदेश के अनुपालन में दिनांक 17 मई 2025 को उन्हें कार्यमुक्त कर दिया गया तथा निर्देशित किया गया कि वे अपना चालू कार्यभार डॉ. शुभम संगीत साकेत, चिकित्सा अधिकारी, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र चौरी (विकासखंड पाली), को सौंपें।



चालू कार्यभार डॉ. शुभम साकेत को सौंपने का स्पष्ट आदेश, फिर भी कार्यालय की चाबी डॉ. वी.के. जैन के पास!



यहां सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि डॉ. शुभम साकेत को प्रभारी बीएमओ बनाए जाने के बावजूद, कार्यभार और कार्यालय की मूल जिम्मेदारियाँ अभी तक पूरी तरह से हस्तांतरित नहीं की गई हैं। डॉ. वी.के. जैन, जो अब बीएमओ के पद पर नहीं हैं लेकिन उसी संस्थान में कार्यरत हैं, आज भी बीएमओ कार्यालय की चाबी अपने पास रखे हुए हैं।

सूत्रों के अनुसार, वे समय से कार्यालय नहीं खोलते, हाज़िरी रजिस्टर भी उन्हीं के पास रहता है, और कर्मचारियों के आने के बाद ही हस्ताक्षर करते हैं। यह स्पष्ट रूप से न केवल प्रशासनिक अनुशासन का उल्लंघन है, बल्कि शासकीय आदेश की अवमानना भी है।



क्या जानबूझकर की जा रही है देरी? उठ रहे हैं प्रशासनिक निष्क्रियता पर सवाल



शासन द्वारा स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि कार्यभार डॉ. शुभम साकेत को सौंपा जाए। फिर भी डॉ. वी.के. जैन की यह भूमिका संदेहजनक बन रही है। उनके द्वारा कार्यभार में विलंब करना और वास्तविक प्रभारी अधिकारी को कार्य निष्पादन से रोकना, स्वास्थ्य सेवाओं को बाधित करने जैसा कृत्य माना जा रहा है।




कार्यमुक्ति के बाद भी शासकीय वाहन का उपयोग कर रहे हैं डॉ. वी.के. जैन

इस पूरे विवाद के बीच एक और गंभीर विषय सामने आया है। जानकारी के अनुसार, डॉ. वी.के. जैन अब भी शासकीय वाहन का निजी उपयोग कर रहे हैं, जबकि वे अब बीएमओ पद पर नहीं हैं। यह शासकीय नियमों और संसाधनों के स्पष्ट उल्लंघन का मामला है।

शासकीय वाहन केवल पदस्थ अधिकारियों को ही शासकीय कार्यों के लिए उपयोग में लाने की अनुमति होती है। कार्यमुक्ति के बावजूद वाहन का निजी उपयोग अनुशासनहीनता, कदाचार और जनहित में कार्य कर रही संस्था के संसाधनों के दुरुपयोग के अंतर्गत आता है।



प्रशासन मौन क्यों? क्या कार्रवाई होगी?



डॉ. निशांत सिंह परिहार को कार्यमुक्त करने और उनका स्थानांतरण आदेश जिन वरिष्ठ अधिकारियों को सूचनार्थ भेजा गया है, उनमें प्रमुख सचिव, स्वास्थ्य आयुक्त, संचालक स्वास्थ्य सेवाएं, रीवा संभाग के क्षेत्रीय संचालक, कलेक्टर उमरिया और शहडोल के सीएमएचओ तक शामिल हैं।

अब सवाल यह है कि जब सब कुछ स्पष्ट है, तो डॉ. वी.के. जैन के इस आचरण पर प्रशासन चुप क्यों है? क्या यह प्रशासनिक निष्क्रियता है या किसी प्रकार का संरक्षण?




जल्द निवारण जरूरी

यह स्थिति स्पष्ट रूप से दर्शाती है कि शासकीय आदेशों की अवहेलना अब एक गहन समस्या बन चुकी है, जो सीधे तौर पर स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता और सुचारु संचालन को प्रभावित कर रही है। यदि तत्काल हस्तक्षेप नहीं किया गया तो यह स्थिति क्षेत्र में अव्यवस्था और जन असंतोष को जन्म दे सकती है।

शासन और प्रशासन दोनों को अब सजग होकर डॉ. शुभम साकेत को वास्तविक प्रभार सौंपने की प्रक्रिया को निष्पक्ष रूप से लागू कराना चाहिए, और डॉ. वी.के. जैन द्वारा किए जा रहे नियम उल्लंघनों पर कठोर कार्रवाई करनी चाहिए।


इनका कहना है:

वर्तमान में पाली सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के बीएमओ के प्रभार पर डॉक्टर शुभम संगीत साकेत हैं। मैंने मौखिक तौर पर डॉक्टर वी के जैन को बीएमओ कार्यालय की चाबी देने को कहा है। यदि आज नहीं मानते तो नोटिस जारी करूंगा। सरकारी वाहन को भी अस्पताल परिसर में खड़े करने के निर्देश देता हूं।

डॉक्टर एस बी चौधरी
(CHMO उमरिया)


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