शहडोल (म.प्र.), 10 जून | यस न्यूज़ (पत्रकार विनय की रिपोर्ट )
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राष्ट्रसेवा के अमिट इतिहास को संजोए भूतपूर्व सैनिकों ने एक बार फिर यह सिद्ध कर दिया कि वे वर्दी से भले ही निवृत्त हों, पर देश के लिए उनकी निष्ठा, सेवा और संकल्प आज भी उतने ही दृढ़ हैं।
इसी भावना को समर्पित भूतपूर्व सैनिक संगठन, जिला शहडोल (म.प्र.) का शपथग्रहण समारोह आज सायं अतुल सदन, बलपुरवा स्थित समारोह स्थल पर, पूर्ण सैन्य अनुशासन और राष्ट्रभक्ति की भावना के साथ संपन्न हुआ।
🔰 मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे:
डॉ. केदार सिंह (IAS) — जिलाधीश, शहडोल
🎖️ विशिष्ट अतिथि:
श्री रामजी श्रीवास्तव (IPS) — पुलिस अधीक्षक, शहडोल
लेफ्टिनेंट कर्नल श्री धीरेन्द्र कुमार — प्रभारी, सैनिक कल्याण बोर्ड

🇮🇳 राष्ट्रगान से गूंज उठा समारोह स्थल
कार्यक्रम की शुरुआत भारत माता की पूजा, दीप प्रज्वलन व राष्ट्रगान से हुई, जिससे वातावरण राष्ट्रभक्ति की भावना से ओतप्रोत हो गया। पूरे समारोह में अनुशासन, गरिमा और भारतीय संस्कृति की अद्भुत झलक दिखाई दी।
🪖 संगठन के पदाधिकारियों ने ली राष्ट्रसेवा की शपथ
कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण रहा — नवनिर्वाचित पदाधिकारियों एवं कार्यकारिणी सदस्यों को शपथ दिलाया जाना। शपथ समारोह का दृश्य ऐसा था मानो सेवा निवृत्त सिपाही फिर एक बार राष्ट्रधर्म के प्रति अपनी आस्था को दोहरा रहे हों।
🎙️ प्रेरक उद्बोधन, सच्चे राष्ट्रसेवकों के लिए सम्मान
मुख्य अतिथि डॉ. केदार सिंह ने सैनिकों को “राष्ट्र की रीढ़” बताते हुए कहा कि, “सेवानिवृत्ति कोई विराम नहीं, बल्कि सामाजिक उत्तरदायित्व की एक नई शुरुआत है।”
एसपी श्री रामजी श्रीवास्तव ने अपने संबोधन में सैनिकों के बलिदान को नमन करते हुए समाज में उनकी भागीदारी को प्रेरणास्रोत बताया।
लेफ्टिनेंट कर्नल धीरेन्द्र कुमार ने संगठन के उद्देश्यों व गतिविधियों को विस्तार से रखा, और सैनिकों के कल्याण में प्रशासनिक सहयोग का भरोसा दिलाया।
🏅 स्मृति चिह्न भेंट एवं आभार प्रदर्शन
अतिथियों को स्मृति चिह्न प्रदान कर सम्मानित किया गया। तत्पश्चात संगठन की ओर से आभार व्यक्त करते हुए यह संकल्प लिया गया कि संगठन न केवल पूर्व सैनिकों के हित में बल्कि राष्ट्र निर्माण में भी सक्रिय भूमिका निभाता रहेगा।
🍛 भोजन और बंधुत्व की संध्या
समारोह का समापन सामूहिक भोज और सौहार्दपूर्ण संवाद के साथ हुआ, जिसमें पूर्व सैनिकों के अनुभवों ने भावनाओं को और प्रबल किया।
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📢 एक संदेश, पूरे देश के लिए:
> “एक सैनिक कभी रिटायर नहीं होता – वह सिर्फ वर्दी बदलता है।”
शहडोल से उठी यह प्रेरणादायक लहर आने वाले समय में समूचे देश के भूतपूर्व सैनिक संगठनों के लिए एक आदर्श बनेगी।।

