बरसात में बीमारी से बचाव ही है असली बचाव !
CMHO डॉ. राजेश मिश्रा ने दी चेतावनी – रखें ये सावधानियां, रहें स्वस्थ मानसून में
शहडोल, 17 जून 2025: पत्रकार विनय द्वारा रूपांतरित खबर।
जिले में प्री-मानसून की वर्षा के साथ ही संक्रमणजनित बीमारियों का खतरा मंडराने लगा है। ऐसे में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (CMHO) डॉ. राजेश मिश्रा ने आमजन से अपील की है कि वे वर्षा ऋतु में विशेष सतर्कता बरतें, जिससे वे टाइफाइड, पीलिया, डायरिया, पेचिश, हैजा, मलेरिया, डेंगू और आंखों के रोग जैसी बीमारियों से बच सकें।
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❗ दूषित जल से होती हैं गंभीर बीमारियाँ
डॉ. मिश्रा ने बताया कि बरसात में गंदे पानी और नमी के कारण अनेक संक्रामक रोगों का खतरा बढ़ जाता है। इनमें टाइफाइड, डायरिया, पेचिश, पीलिया और हैजा प्रमुख हैं, जो मुख्य रूप से दूषित जल और खाद्य पदार्थों के कारण फैलते हैं।
➡️ ऐसे में यह बेहद ज़रूरी है कि:
केवल उबला हुआ या शुद्ध पेयजल ही उपयोग करें।
भोजन बनाते समय और खाने से पहले तथा शौच के बाद साबुन से हाथ धोना अनिवार्य है।
सड़े-गले फल, सब्जियां या खुले में बिकने वाले खाद्य पदार्थों से परहेज़ करें।
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🦠 बच्चों और बुज़ुर्गों को है ज्यादा खतरा
CMHO ने विशेष रूप से बच्चों और बुजुर्गों के लिए सावधानी बरतने की बात कही है, क्योंकि इन वर्गों में रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है। उन्होंने कहा कि बच्चों में दूषित पानी से उल्टी-दस्त का प्रकोप तेज़ हो सकता है।
➡️ ऐसी स्थिति में तुरंत:
ORS घोल और जिंक सल्फेट गोली का उपयोग करें (चिकित्सकीय सलाह से)
रोगी को साफ-सुथरे, ढंके भोजन और भरपूर तरल पदार्थ दें।
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🌿 स्वच्छता अपनाएं – रोगों से बचें
डॉ. मिश्रा ने जनता से आग्रह किया कि वे अपने घर और आस-पास की सफाई बनाए रखें, ताकि मच्छरों और मक्खियों के प्रजनन पर रोक लगाई जा सके।
🔹 खुले में शौच न करें – हमेशा शौचालय का प्रयोग करें।
🔹 खाने-पीने की वस्तुओं को ढंककर रखें ताकि मक्खियाँ न बैठें।
🔹 फल-सब्जियों को साफ पानी से धोकर ही उपयोग करें।
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👁️ मानसून में आंखों के संक्रमण का बढ़ता खतरा
वर्षा ऋतु में अक्सर लोग कंजंक्टिवाइटिस (आई-फ्लू) से ग्रस्त हो जाते हैं, जिसे आम भाषा में “आंख आना” भी कहा जाता है। इससे बचने के लिए CMHO ने कुछ विशेष सावधानियों को साझा किया:
✔️ अपने हाथ और चेहरा बार-बार ठंडे पानी से धोएं।
✔️ अपना तौलिया, रूमाल किसी से साझा न करें।
✔️ आंखों को हाथों से न छुएं और धूप का चश्मा पहनें।
✔️ लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
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🦟 मलेरिया और डेंगू से रहें सतर्क
बरसात में मलेरिया और डेंगू जैसी बीमारियों का प्रकोप भी बढ़ जाता है, क्योंकि रुके हुए पानी में मच्छरों के लार्वा पनपते हैं। डॉ. मिश्रा ने लोगों को सुझाव दिया कि:
➡️ घर के आसपास पानी जमा न होने दें।
➡️ गड्ढों, ड्रम, टायर, कूलर, फूलदान आदि की सफाई सप्ताह में एक बार ज़रूर करें।
➡️ रुके पानी में मिट्टी का तेल या जला हुआ तेल डालें।
➡️ रात में मच्छरदानी का उपयोग करें।
➡️ मलेरिया के लक्षण (ठंड लगकर बुखार आना) होने पर तुरंत खून की जांच करवाएं।
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मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. राजेश मिश्रा की यह एडवायजरी आमजन के लिए एक चेतावनी है कि वर्षा ऋतु सिर्फ हरियाली ही नहीं, बल्कि अनेक स्वास्थ्य चुनौतियां भी लेकर आती है। ऐसे में यदि सावधानियां बरती जाएं और स्वच्छता को जीवनशैली में शामिल किया जाए, तो इन बीमारियों से बचाव संभव है।
स्वस्थ मानसून के लिए – सतर्कता ही सबसे बड़ी सुरक्षा है!