छात्रों की अनदेखी पर NSUI का फूटा आक्रोश: जिला शहडोल में महाविद्यालयीय अव्यवस्थाओं को लेकर राज्यपाल को सौंपा गया ज्ञापन

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शहडोल, 16 जून 2025 |

पत्रकार विनय की रिपोर्ट (8349627682)


भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन (NSUI) ने शिक्षा के अधिकार और विद्यार्थियों की सुविधाओं को लेकर एक सशक्त हस्तक्षेप करते हुए शहडोल जिले की गंभीर शैक्षणिक अनियमितताओं के विरुद्ध राज्यपाल महोदय, मध्यप्रदेश शासन को एक विस्तृत ज्ञापन सौंपा है। यह ज्ञापन NSUI जिला अध्यक्ष श्री सौरभ तिवारी के नेतृत्व में संभागायुक्त कार्यालय, शहडोल के माध्यम से प्रस्तुत किया गया।




📌 मुख्य मुद्दे जिन पर NSUI ने उठाई आवाज़:

1️⃣ घोषणा के बाद भी महाविद्यालय का संचालन प्रारंभ नहीं

सौरभ तिवारी ने जानकारी दी कि शहडोल में माननीय मुख्यमंत्री एवं जनप्रतिनिधियों द्वारा नये महाविद्यालय की घोषणा के बावजूद आज तक उसका संचालन शुरू नहीं हुआ है। विद्यार्थियों के भविष्य के साथ यह खिलवाड़ है। इससे न केवल शैक्षणिक सत्र प्रभावित हो रहा है, बल्कि छात्रों को निजी संस्थानों की ओर मजबूर होना पड़ रहा है।

2️⃣ छात्रावास भवन बना पर ताले नहीं खुले

ज्ञापन में यह भी उल्लेख किया गया कि लाखों रुपए की लागत से शासकीय छात्रावास का निर्माण पूरा हो चुका है, फिर भी आज दिनांक तक छात्रावास को उपयोग में नहीं लाया गया। दूरदराज़ से आने वाले छात्र-छात्राएं भारी कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं। यह स्थिति शासन की उदासीनता को दर्शाती है।

3️⃣ संस्कृत विभाग के HOD को प्रशासनिक कार्य में उलझाया गया

NSUI ने यह गंभीर आरोप भी लगाया कि संस्कृत विभाग के विभागाध्यक्ष (HOD) को कुलपति द्वारा OSD बना दिया गया है, जिससे वह दिनभर प्रशासनिक कार्यों में संलग्न रहते हैं और विभागीय शिक्षण व्यवस्था प्रभावित हो रही है। संगठन की मांग है कि उन्हें या तो पूर्णकालिक विभागाध्यक्ष के रूप में बहाल किया जाए या OSD के रूप में ही रखा जाए — दोनों भूमिकाएं साथ निभाना उचित नहीं है।




🚨 NSUI की चेतावनी: आंदोलन की राह पर होगा संगठन

NSUI जिला अध्यक्ष सौरभ तिवारी ने स्पष्ट शब्दों में कहा,

> “यदि समय रहते छात्रों की इन समस्याओं का समाधान नहीं किया गया, तो संगठन को आंदोलन की राह अपनानी पड़ेगी। हम छात्रहितों पर किसी भी प्रकार का समझौता नहीं करेंगे।”




NSUI की यह पहल शहडोल में छात्रों की वास्तविक समस्याओं को उजागर करने का एक सशक्त प्रयास है। यह ज्ञापन सिर्फ शिकायत नहीं, बल्कि प्रशासन को चेतावनी भी है कि अगर शिक्षा व्यवस्था को नजरअंदाज किया गया, तो छात्र संगठन हरसंभव विरोध के लिए तैयार है।अब यह देखना होगा कि शासन इन बिंदुओं पर क्या त्वरित कदम उठाता है।



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