“सरपंच पर योजनाओं के नाम पर वसूली का आरोप – ग्रामीणों ने खोला भ्रष्टाचार का पर्दा”

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🔴 पठरा पंचायत में भ्रष्टाचार का बड़ा खुलासा – सरपंच पर गंभीर आरोप, जांच की मांग तेज


🔴 ग्राम पंचायत पठरा में भ्रष्टाचार की बड़ी शिकायत – सरपंच पर सरकारी योजनाओं में घोटाले का आरोप


शहडोल, मध्यप्रदेश | दिनांक: 17 जून 2025


शहडोल जिले के ग्राम पंचायत पठरा से एक चौंकाने वाली शिकायत सामने आई है, जिसमें सरपंच अंजनी कोल (पति मुन्ना कोल) पर गंभीर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए गए हैं। ग्रामवासियों का आरोप है कि सरपंच द्वारा सरकारी योजनाओं जैसे कि प्रधानमंत्री आवास योजना और संबल योजना के तहत मिलने वाले लाभों के बदले हितग्राहियों से मोटी रकम वसूली जा रही है।

हजारों से लेकर पचास हजार तक की रिश्वत की मांग


प्राप्त जानकारी के अनुसार सरपंच अंजनी कोल द्वारा प्रत्येक हितग्राही से 2000 रुपये से लेकर 50,000 रुपये तक की राशि अवैध रूप से ली जा रही है। कई ग्रामीणों ने बताया कि बिना पैसे दिए उन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है।

मृत्यु के बाद मिलने वाली संबल योजना की राशि के लिए भी रिश्वत

प्रार्थी बुधे कोल, निवासी ग्राम पठरा, ने जिला कलेक्टर को दिए गए शिकायती पत्र में बताया कि उनकी पत्नी रम्फो कोल की मृत्यु के बाद उन्हें संबल योजना के तहत मिलने वाले 50,000 रुपये की सहायता राशि के लिए सरपंच द्वारा रिश्वत की मांग की गई है। इसके अलावा उनका बैंक पासबुक और आधार कार्ड भी जब्त कर लिया गया है, जिससे उन्हें योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा।



ग्रामीणों में गहरा आक्रोश

गांव के अनेक हितग्राही इस अवैध वसूली से परेशान हैं और जिला प्रशासन से न्याय की मांग कर रहे हैं। ग्रामीणों ने बताया कि सरपंच के डर से कई लोग चुप हैं, लेकिन अब मामला उजागर हो गया है और सभी चाहते हैं कि दोषियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाए।

जांच और कार्रवाई की मांग

प्रार्थी बुधे कोल ने जिला प्रशासन से मांग की है कि मामले की उच्च स्तरीय जांच कराई जाए और दोषी सरपंच के खिलाफ आपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध कर कठोर दंडात्मक कार्रवाई की जाए, ताकि भविष्य में कोई जनप्रतिनिधि आम जनता के साथ इस प्रकार का शोषण न कर सके।




प्रशासन से अपेक्षा

अब देखना यह है कि शहडोल जिला प्रशासन इस मामले को कितनी गंभीरता से लेता है और क्या दोषियों को न्यायिक प्रक्रिया के तहत दंडित किया जा सकेगा। यदि आरोप सही पाए गए तो यह ग्राम पंचायतों में फैले भ्रष्टाचार के विरुद्ध एक मिसाल बन सकती है।



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