शहडोल, 25 जून 2025 –
शहडोल जिले में इस मानसून सीजन के दौरान रेत खनन पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया गया है। कलेक्टर डॉ. केदार सिंह ने 30 जून 2025 से 1 अक्टूबर 2025 तक जिले की समस्त नदियों और रेत खदानों में रेत के उत्खनन पर रोक संबंधी आदेश जारी किया है। यह निर्णय पर्यावरण संरक्षण, नदियों के प्राकृतिक प्रवाह को बनाए रखने और मानसून के दौरान संभावित आपदाओं को रोकने के उद्देश्य से लिया गया है।
कलेक्टर द्वारा जारी आदेश के अनुसार, इस अवधि में जिले की किसी भी रेत खदान या नदी क्षेत्र से रेत का उत्खनन, परिवहन या भंडारण पूरी तरह से निषिद्ध रहेगा। इस आदेश का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
प्रतिबंध के पीछे कारण:
1. पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखने हेतु: मानसून के दौरान नदियों का जलस्तर बढ़ता है, जिससे रेत खनन से तटीय कटाव, जलस्तर में अस्थिरता और जीव-जंतुओं के प्राकृतिक आवास को नुकसान पहुंच सकता है।
2. नदी की प्राकृतिक धारा को सुरक्षित रखने के लिए: बरसात में नदियों की धाराएँ तीव्र हो जाती हैं, ऐसे में रेत खनन से उनके प्रवाह में बाधा उत्पन्न होती है जिससे बाढ़ की स्थिति बन सकती है।
3. जन सुरक्षा के मद्देनजर: भारी वर्षा और जलभराव के कारण खनन क्षेत्रों में दुर्घटनाओं की संभावना अधिक होती है, जिससे जनहानि हो सकती है।
4. कृषि और जल संरक्षण के लिए जरूरी: नदियों की तली में रेत का जमाव जलसंचयन में मदद करता है, जो कृषि और भूजल स्तर को बनाए रखने में सहायक है।
प्रशासन ने आम नागरिकों, ठेकेदारों और रेत परिवहन में संलग्न व्यवसायियों से अपील की है कि वे आदेश का पालन करें और जिले के प्राकृतिक संसाधनों को संरक्षित रखने में सहयोग करें। प्रतिबंध की अवधि पूरी होने के बाद ही पुनः खनन की अनुमति दी जाएगी।
शहडोल जिला प्रशासन का यह कदम न केवल पर्यावरण के प्रति संवेदनशीलता को दर्शाता है, बल्कि यह जनहित में भी एक दूरदर्शी निर्णय है। मानसून में खनन पर रोक लगाकर नदियों के पारिस्थितिक तंत्र को संतुलित रखने की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण प्रयास है।
