शहडोल, 6 जुलाई:
मध्यप्रदेश के शहडोल जिले में स्थित कुशाभाऊ ठाकरे जिला अस्पताल रविवार सुबह अचानक भारी बारिश की चपेट में आ गया। लगातार हो रही बारिश के चलते अस्पताल परिसर पूरी तरह जलमग्न हो गया, जिससे सामान्य वार्ड समेत कई हिस्सों में करीब 5 इंच तक गंदा, बदबूदार काला पानी भर गया है।
मरीजों और तीमारदारों की हालत हुई बदतर
अस्पताल में भर्ती मरीजों और उनके तीमारदारों को बेहद कठिन हालात का सामना करना पड़ रहा है। जनरल वार्ड में भर्ती एक मरीज ने बताया कि वहां करीब 100 से अधिक मरीज और उनके परिजन मौजूद हैं। हालात इतने खराब हैं कि एक-एक बेड पर 3-4 लोग बैठे हुए हैं, जबकि कुछ मरीज ऐसे भी हैं जिन्हें बेड नहीं मिला और उन्हें दूसरों के साथ शेयर करना पड़ रहा है।

डॉक्टर नहीं पहुंच सके, नर्सें मुश्किल से निभा रहीं ड्यूटी
बारिश और पानीभराव के कारण डॉक्टर अस्पताल नहीं पहुंच सके, जबकि नर्सिंग स्टाफ पानी में भीगते हुए, अपने कपड़े उठाकर किसी तरह मरीजों की सेवा कर रहा है। नर्सों का कहना है कि जब तक पानी नहीं रुकेगा, तब तक सफाई संभव नहीं है। समस्या की मुख्य वजह नाली जाम होना बताई जा रही है, जिससे बारिश का पानी निकल नहीं पा रहा।
गंदगी और संक्रमण का खतरा बढ़ा
मरीजों के अनुसार अस्पताल में गंदगी इतनी ज्यादा हो चुकी है कि पानी के साथ बोतलें, पन्नियाँ और अन्य कचरा तैरते हुए वार्डों में घुस रहा है। गद्दे भीग चुके हैं, और फर्श पर बैठना तक संभव नहीं है। ऐसे में संक्रमण का खतरा तेजी से बढ़ रहा है, जिससे मरीजों की सेहत और अधिक खतरे में है।
स्थिति पर क्या कहा प्रशासन ने?
अभी तक अस्पताल प्रशासन या जिला स्वास्थ्य विभाग की ओर से कोई स्पष्ट प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है। नर्सिंग स्टाफ की मानें तो जब तक बारिश बंद नहीं होती और पानी की निकासी नहीं होती, तब तक हालात सुधरने की उम्मीद नहीं की जा सकती।
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शहडोल का यह अस्पताल पहले से ही संसाधनों की कमी से जूझ रहा है, और अब बारिश ने हालात और बदतर कर दिए हैं। सवाल यह उठता है कि क्या जिला प्रशासन ऐसी आपात स्थिति के लिए तैयार नहीं था? और अगर नहीं, तो इस लापरवाही का खामियाजा मरीज क्यों भुगतें?
👉 सरकार और प्रशासन से अपेक्षा है कि जल्द से जल्द राहत कार्य शुरू कर स्थिति को सामान्य किया जाए।
