दो सोसायटियों में हुई बड़ी चोरी का पुलिस ने किया पर्दाफाश, रीवा गिरोह गिरफ्तार, अनाज से भरी डीसीएम जब्त

देवलौद (संवाददाता सिद्धार्थ अग्निहोत्री)- प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार प्राप्त समाचार थाना देवलौद पुलिस ने सोसायटियों में लगातार हो रही अनाज चोरी की घटनाओं पर निर्णायक कार्रवाई करते हुए बड़ी सफलता प्राप्त की है। पुलिस ने जनकपुर तथा धरी नंबर-02 सोसायटी में हुई दो बड़ी चोरियों को सुलझाते हुए रीवा के सक्रिय गिरोह के पाँच सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपियों के कब्जे से एमपी 17 जी 3315 नंबर की डीसीएम गाड़ी, 134 बोरी गेहूँ और 67 बोरी चावल—कुल लगभग 10 लाख रुपये का मसरूका बरामद किया गया है।
पहली चोरी लगभग सात माह पूर्व 29 मई 2025 को जनकपुर सोसायटी में हुई थी, जहाँ अज्ञात चोर 160 बोरी चावल और 77 बोरी गेहूँ लेकर फरार हो गए थे। दूसरी घटना 7–8 नवंबर 2025 की रात धरी नंबर-02 सोसायटी में हुई, जहाँ ताला तोड़कर 127 बोरी गेहूँ तथा 57 बोरी चावल चोरी कर ले जाए गए। दोनों मामलों में अपराध पंजीबद्ध कर पुलिस ने तेजी से जांच शुरू की।
तकनीकी विश्लेषण के दौरान बुडवा, सथनी और सुखाड़ क्षेत्रों के सीसीटीवी फुटेज में संदिग्ध डीसीएम वाहन दिखाई पड़ा, जो बाद में रामपुर नैकिन और रीवा में भी कैमरों में कैद हुआ। वाहन की पुष्टि होते ही पुलिस टीम ने रीवा में दबिश देकर गिरोह को गिरफ्तार कर लिया।
गिरफ्तार आरोपी—नसीम उर्फ अमन खान ,रोहित सिंह पटेल ,राजेश पटेल ,बंटी उर्फ रजनीश दाहिया तथा एक बालआरोपी—ने पूछताछ में दोनों सोसायटियों से चोरी करना स्वीकार किया। आरोपियों ने बताया कि वे पहले रीवा जिले की सोसायटियों में रैकी कर चोरी करते थे। पकड़े जाने के बाद उन्होंने पन्ना, सीधी और शहडोल जिलों को अपना नया लक्ष्य बनाया और चोरी का अनाज करहिया मंडी, रीवा में बेच देते थे।
इस बड़ी कार्रवाई के संचालन में एसपी शहडोल रामजी श्रीवास्तव तथा एसडीओपी ब्यौहारी मुकेश अविन्द्रा के मार्गदर्शन में थाना प्रभारी उपनिरीक्षक सुभाष दुबे के साथ पुलिस टीम के सदस्य— इन्द्रलाल पुरी, दिनेश शुक्ला, रियाज खान, ओमप्रकाश तिवारी, अभिषेक तिवारी, चित्रान्सु शुक्ला, आदित्य सिंह, प्रदीप दुबेदी तथा साइबर सेल शहडोल के अधिकारी—ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। तकनीकी विश्लेषण, सतत प्रयास और टीमवर्क के दम पर पुलिस ने गिरोह का सफलतापूर्वक भंडाफोड़ किया।
पुलिस की इस निर्णायक कार्रवाई से क्षेत्र में फैली दहशत समाप्त हुई है और ग्रामीणों में सुरक्षा का भरोसा और अधिक मजबूत हुआ है।
