*जिला मैंहर, घुनवारा, 22 जून 2024:*
आज घुनवारा गाँव ने महान समाज सुधारक और हिन्दी साहित्य के प्रणेता, संत कबीरदास की 626वीं जयंती को धूमधाम से मनाया। ग्रामवासियों ने उनके छायाचित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की और उनके द्वारा प्रेरित होकर समाज में ज्ञान का प्रकाश फैलाने का संकल्प लिया।
मुख्य अतिथि, संत मूरतदास जी, ने कहा कि संत कबीरदास जी 15वीं सदी के भारतीय रहस्यवादी कवि और संत थे, जिन्होंने हिन्दी साहित्य के भक्तिकाल में परमेश्वर की भक्ति के लिए महान कार्य किये। उन्होंने सामाजिक बुराइयों की निंदा की और धार्मिक अंधविश्वास का विरोध किया।
कबीरदास का जन्म संवत् 1455 में काशी में हुआ था और उनकी रचनाओं में समाज की असमानता और भेदभाव के खिलाफ एक तीव्र संदेश है। उनके दोहे और पद आज भी हमें उन असमानताओं को समाप्त करने के लिए प्रेरित करते हैं।
इस अवसर पर ग्रामीणों ने संत कबीरदास की विचारधारा को याद किया और उनके संदेश को अपने जीवन में अंमल में लाने का आशीर्वाद प्राप्त किया। कार्यक्रम में उपस्थित रहने वाले सभी विशेषज्ञों और साथियों ने इस अद्वितीय धरोहर को समर्पित करने के लिए एकमत से संबोधन किया।