यस न्यूज़ नेटवर्क रीवा
खास रिपोर्ट शुभम तिवारी संवाददाता
आउटसोर्स कर्मचारियों की बिना आदेश कंपनी ने काटी सैलरी, अब गाज गिरेगी
विद्युत विभाग के उप मुख्य महाप्रबंधक ने एसई को कार्रवाई के लिए लिखा पत्र
रीवा। विद्युत विभाग में तीन आउटसोर्स कंपनियां काम कर रही हैं। इन आउटसोर्स कंपनियों ने बिना विभाग को सूचना दिए कर्मचारियों के वेतन काट लिये थे। इस पर अब जबलपुर से इन कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई का आदेश पहुंच गया है। उप मुख्य महाप्रबंधन ने अधीक्षण अभियंता को पत्र लिखकर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। बता दें कि रीवा विद्युत विभाग में तीन आउटसोर्स कंपनियां काम कर रही हैं। इन्हीं कंपनियों के अंडर में मीटर रीडर से लेकर अन्य स्टाफ काम कर रहे हैं। हजारों कर्मचारी रीवा और मऊगंज जिला में पदस्थ हैं। श्रमायुक्त मप्र शासन इंदौर ने 13 मार्च 2024 को न्यूनतम वेतन अधिनियम 1948 के तहत 1 अप्रैल 2021 से न्यूनतम वेतन एवं परिवर्तनशील महंगाई भत्तों को प्रभावशील करने के लिए अधिसूचना जारी की थी। इसमें सभी
आउटसोर्स कर्मचारियों को मानदेय बढ़ना था। श्रम विभाग से जारी आदेश के बाद विद्युत विभाग के आउटसोर्स कर्मचारियों को भी इसका लाभ मई माह के वेतन में मिला। बढ़ा हुआ वेतन सभी कर्मचारियों को कंपनियों ने भुगतान किया। इसके बाद उच्च न्यायालय इंदौर खंडपीठ द्वारा याचिका क्रमांक डब्ल्यूपी 10772/2024, डब्ल्यूपी 9401/2024 आदि में 21 मई 2024 को पारित स्थगन आदेश के परिपेक्ष्य में संशोधित दरें जारी की गईं। यह दरें 1 अप्रैल 2024 से लागू की गईं। इस आदेश के बाद आउटसोर्स कंपनियों ने अप्रैल में किए गए भुगतान की वसूली की जून माह के भुगतान में की गई। इस पर मप्र पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड के उप मुख्य महाप्रबंधक प्रशासन एसके गिरिया ने अधीक्षण अभियंता रीवा को पत्र लिखकर की गई कटौती की जानकारी तलब की है। साथ ही यह भी पूछा है कि आउटसोर्स कंपनियों ने किस आदेश के तहत कर्मचारियों के मानदेय में कटौती की है। एजीएम ने आदेश में साफ कहा है कि ऐसी फर्मों के खिलाफ क्या कार्रवाई की गई है। सभी बिंदुओं पर एसई से रिपोर्ट मांगी है।
