“मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का जर्मनी में गौरव शर्मा द्वारा सम्मान: पोरसा के बेटे ने दिखाई नई दिशा”

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मुरैना/पोरसा: मैनेजिंग एडिटर विनय मेहरा की रिपोर्ट।

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने अपनी जर्मनी यात्रा के दौरान पोरसा निवासी इंजीनियर गौरव शर्मा द्वारा सम्मानित किए जाने का गौरव अनुभव किया। यह घटना पोरसा क्षेत्र के लिए एक महत्वपूर्ण क्षण बन गई, जब मुख्यमंत्री ने गौरव शर्मा की उपलब्धियों को सराहा और उनकी पहल को उजागर किया।

गौरव शर्मा, जो मुरैना जिले के पोरसा तहसील के रहने वाले हैं और वर्तमान में जर्मनी के म्यूनिख में एप्पल कंपनी में कार्यरत हैं, ने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव से मुलाकात के दौरान पोरसा क्षेत्र में शिक्षा के क्षेत्र में अपनी महत्वपूर्ण पहल की चर्चा की। जब मुख्यमंत्री को पता चला कि गौरव शर्मा हमारे प्रदेश के ही पोरसा तहसील से हैं, तो उन्होंने उन्हें गले लगाकर सम्मानित किया और उनकी उपलब्धियों को सराहा।

मुख्यमंत्री की प्रेरणा और गौरव शर्मा की पहल:

वर्ष 2015 में जब तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने न्यूयॉर्क में “इन्वेस्ट मध्य प्रदेश” की सिंगल विंडो योजना के तहत शिक्षा क्षेत्र में महत्वपूर्ण कदम उठाने की बात की थी, तब गौरव शर्मा ने उस मौके पर एक आवेदन दिया था। इसके बाद, उनके प्रयासों से पोरसा में एक निजी स्कूल की स्थापना हुई, जिसे मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सराहा। इस स्कूल की स्थापना ने पोरसा और आसपास के क्षेत्रों में शिक्षा के क्षेत्र में एक नया आयाम जोड़ा।



गौरव शर्मा का सुझाव: मध्य प्रदेश के स्कूलों में जर्मन भाषा की शिक्षा :

इस अवसर पर गौरव शर्मा ने मुख्यमंत्री से एक महत्वपूर्ण सुझाव दिया, जिसमें उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश के स्कूलों में जर्मन भाषा को पाठ्यक्रम में शामिल किया जाए। उनका मानना था कि इससे छात्रों को जर्मनी में काम करने के लिए आसानी होगी और यह कदम राज्य को वैश्विक स्तर पर एक नया पहचान दिलाएगा। गौरव शर्मा ने मुख्यमंत्री से यह भी कहा कि इस पहल से न केवल राज्य की शिक्षा प्रणाली में सुधार होगा, बल्कि प्रदेश का नाम भी देश-विदेश में चमकेगा।



मुख्यमंत्री ने की गौरव शर्मा की प्रशंसा:

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने गौरव शर्मा के इस सुझाव और उनके द्वारा किए गए कार्यों की सराहना करते हुए कहा, “गौरव शर्मा ने पोरसा को गर्व महसूस कराया है। उनका यह प्रयास न केवल मध्य प्रदेश बल्कि समूचे देश के लिए प्रेरणादायक है। हम इस दिशा में कदम उठाने के लिए तत्पर हैं।” मुख्यमंत्री ने इस बात पर भी जोर दिया कि प्रदेश में शिक्षा के क्षेत्र में सुधार और नई पहल को बढ़ावा देना राज्य सरकार की प्राथमिकता है।

निजी स्कूल और विदेश में शिक्षा का महत्व:

गौरव शर्मा पोरसा के एक निजी स्कूल के संचालक भी हैं, जो जर्मनी से ही अपने विद्यालय की व्यवस्थाएं देखते हैं। उनका मानना है कि शिक्षा का विस्तार और गुणवत्ता बढ़ाने के लिए वैश्विक दृष्टिकोण अपनाना जरूरी है। उनके भाई और परिवार के सदस्य यहां पर स्कूल की व्यवस्थाओं को देखते हैं, जिससे पोरसा में शिक्षा का स्तर लगातार ऊँचा हो रहा है।

यह मुलाकात और सम्मान पोरसा के गौरव शर्मा और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के बीच एक नया संबंध और विकास की दिशा को स्पष्ट करती है। गौरव शर्मा की पहल से न केवल पोरसा बल्कि समूचे राज्य को लाभ हो सकता है, और यदि जर्मन भाषा को स्कूलों में शामिल किया जाता है, तो यह राज्य के शिक्षा क्षेत्र में एक नई क्रांति का सूत्रपात कर सकता है।


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