अंबाह ।
मुरैना जिले के अंबाह सिविल अस्पताल में शनिवार को आयोजित नसबंदी शिविर में हुई अव्यवस्थाओं ने अस्पताल प्रशासन की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। इस शिविर में 49 महिलाओं की नसबंदी की गई, लेकिन ऑपरेशन के बाद इन महिलाओं को उचित देखभाल और आराम देने के बजाय उन्हें ठंड में बिना बिस्तर के जमीन पर लिटा दिया गया। महिलाओं को ऑपरेशन के बाद 3 से 4 घंटे तक इसी अवस्था में रखना कई तरह की स्वास्थ्य समस्याओं को जन्म दे सकता था। यह घटना अस्पताल की कार्यप्रणाली और स्वास्थ्य व्यवस्था के प्रति लोगों के विश्वास को भी गहरे आघात पहुँचाती है।
नसबंदी के बाद अव्यवस्था का शिकार महिलाएं
शिविर में शामिल महिलाओं को नसबंदी के ऑपरेशन के बाद न तो पर्याप्त देखभाल मिल पाई, और न ही उन्हें आराम करने के लिए उचित बिस्तर उपलब्ध कराया गया। ठंडे फर्श पर लिटाने से महिलाओं को शारीरिक कष्ट का सामना करना पड़ा। इस अव्यवस्था से न केवल महिलाओं को मानसिक और शारीरिक तनाव हुआ, बल्कि उनका स्वास्थ्य भी प्रभावित हो सकता था। इसके बावजूद, अस्पताल प्रशासन की ओर से इस गंभीर लापरवाही को नजरअंदाज किया गया।
बीएमओ की सफाई: अचानक बढ़ी महिलाओं की संख्या
अंबाह सिविल अस्पताल के बीएमओ, डॉ. प्रमोद शर्मा ने इस घटना पर सफाई देते हुए कहा कि महिलाओं की संख्या अचानक बढ़ गई थी, जिसके कारण ऑपरेशन के बाद उन्हें जमीन पर लिटाने की स्थिति उत्पन्न हुई। उनका कहना था कि इतनी बड़ी संख्या में महिलाओं की नसबंदी की योजना पहले से तय नहीं थी और आपातकालीन परिस्थितियों में प्रशासन को व्यवस्था बनाने का समय नहीं मिला। हालांकि, इस स्पष्टीकरण के बावजूद यह घटना अस्पताल प्रशासन की असंगठित योजना और स्वास्थ्य सेवा के प्रति लापरवाही को उजागर करती है।
स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार की आवश्यकता
यह घटना स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार की आवश्यकता को और अधिक स्पष्ट करती है। खासकर सरकारी अस्पतालों में, जहां संसाधनों की कमी के बावजूद मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने का वादा किया जाता है। ऐसे मामलों में प्रशासन और स्वास्थ्य अधिकारियों को कठोर कदम उठाने की जरूरत है, ताकि भविष्य में ऐसी अव्यवस्थाओं से बचा जा सके और मरीजों को उनकी जरूरत के अनुसार उचित देखभाल मिल सके।
यह शर्मनाक घटना स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में एक बड़ा प्रश्न चिन्ह बन गई है, और इससे न केवल अंबाह सिविल अस्पताल, बल्कि पूरे राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्था पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा है।