“पीडब्ल्यूडी की अनदेखी और ठेकेदार की मनमानी से 5 किलोमीटर सड़क निर्माण घटिया बनकर रह जाएगा!”
पोरसा : यस न्यूज़ प्रतिनिधि रवि तोमर की रिपोर्ट।
प्रदेश के ग्रामीण इलाकों में मूलभूत सुविधाओं की कड़ी को मजबूत करने के लिए सड़कों का निर्माण किया जा रहा है, लेकिन कई स्थानों पर गुणवत्ता की अनदेखी की जा रही है। पोरसा तहसील के कोंथर खुर्द मार्ग से ग्राम आरुषि किर्रायच रोड तक चल रहे 5 किलोमीटर सड़क निर्माण का मामला भी कुछ ऐसा ही है, जहां ठेकेदार द्वारा घटिया मटेरियल का इस्तेमाल और कार्य की लापरवाही देखी जा रही है।
यह सड़क निर्माण कार्य पीडब्ल्यूडी विभाग के तहत ₹4 करोड़ की लागत से किया जा रहा है, लेकिन ठेकेदार द्वारा इस निर्माण में काले गिट्टी के बजाय सफेद गिट्टी का प्रयोग किया जा रहा है, साथ ही सीमेंट की मात्र भी अत्यंत कम डाली जा रही है। इतना ही नहीं, सड़क पर सफेद बोल्डर की हल्की परत डालकर न तो उसे पानी दिया जा रहा है और न ही रोलर से समतल किया जा रहा है, जिससे सड़क की मजबूती पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
ग्रामीणों की चिंता: ग्रामवासी इस घटिया निर्माण कार्य को लेकर काफी चिंतित हैं। उनका कहना है कि यदि पीडब्ल्यूडी के उच्च अधिकारियों ने इस मामले में संज्ञान नहीं लिया, तो यह सड़क पहली बारिश में ही नष्ट हो जाएगी, क्योंकि यह मार्ग कुंवारी नदी के जंगलों से होकर गुजरता है और बारिश के पानी से इस सड़क की स्थिति और बिगड़ सकती है।
चंबल नदी की प्रतिबंधित रेत का इस्तेमाल: एक और गंभीर आरोप यह है कि सड़क के निर्माण में पुलिया के लिए चंबल नदी की प्रतिबंधित रेत का खुलेआम प्रयोग किया जा रहा है, जो नियमों के खिलाफ है। ग्रामीणों ने यह आरोप लगाया है कि ठेकेदार और विभागीय अधिकारियों के बीच मिलीभगत के कारण भ्रष्टाचार का यह खेल चल रहा है।
पीडब्ल्यूडी इंजीनियर की प्रतिक्रिया: इस मामले पर पीडब्ल्यूडी के इंजीनियर एलएन गुप्ता ने अपनी सफाई देते हुए कहा कि चंबल नदी की प्रतिबंधित रेत का उपयोग सभी सरकारी निर्माण कार्यों में किया जाता है। उन्होंने यह भी कहा कि निर्माण कार्य सही तरीके से चल रहा है और यदि किसी को कोई शिकायत है, तो उसे सीधे ठेकेदार से संपर्क करना चाहिए।
हालांकि, इस मामले में ठेकेदार और पीडब्ल्यूडी विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठने लगे हैं और स्थानीय लोगों की चिंता बढ़ रही है कि यदि जल्द ही कार्य की गुणवत्ता में सुधार नहीं किया गया, तो यह सड़क अपनी पूरी उम्र पूरी किए बिना ही ध्वस्त हो सकती है।
