श्रावण माह में पोरसा मुक्तिधाम में होंगे 12 ज्योतिर्लिंगों के दर्शन, एक नई आध्यात्मिक धारा

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पोरसा, 2025 (यस न्यूज़ प्रतिनिधि)


श्रावण मास का महीना इस बार और भी खास होने जा रहा है, क्योंकि पोरसा स्थित मुक्तिधाम में श्रद्धालुओं के लिए 12 ज्योतिर्लिंगों के दर्शन की अद्भुत व्यवस्था की गई है। यह धार्मिक स्थल अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान बना चुका है, और यहाँ आने वाले भक्तों को भगवान भोलेनाथ के 12 ज्योतिर्लिंगों के दर्शन एक साथ करने का दुर्लभ अवसर मिलेगा।

मुक्तिधाम की भव्यता और आध्यात्मिक महत्व


पोरसा के मुक्तिधाम का निर्माण अब एक नए अध्याय में प्रवेश कर चुका है। इस स्थल पर भगवान की मूर्तियों की स्थापना के साथ-साथ 12 ज्योतिर्लिंगों के दर्शन की व्यवस्था भी पूरी हो चुकी है। मंदिर के बाहरी और आंतरिक हिस्से का निर्माण कार्य तीव्र गति से चल रहा है, और आगामी श्रावण माह में यह स्थल श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया जाएगा। यहाँ का वातावरण सिर्फ धार्मिक अनुभव तक सीमित नहीं है, बल्कि यहाँ की हरियाली और वृक्षारोपण भी वातावरण को शुद्ध बनाने का काम कर रहा है, जो इस स्थल को एक अनूठा अनुभव प्रदान करता है।

डॉ. अनिल गुप्ता का योगदान


मुक्तिधाम पोरसा की स्थापना में डॉ. अनिल गुप्ता की कड़ी मेहनत और दूरदर्शिता शामिल है। उनके नेतृत्व में इस स्थल को न केवल धार्मिक, बल्कि पर्यावरणीय दृष्टिकोण से भी समृद्ध किया गया है। दुर्लभ जड़ी-बूटियों के साथ-साथ वृक्षारोपण की पहल ने इस स्थल को एक प्राकृतिक उपवन बना दिया है, जो न सिर्फ धार्मिक, बल्कि चिकित्सकीय दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है।

पोरसा का नया स्वरूप


पोरसा, जो पहले दूध और घी की मंडी के रूप में प्रसिद्ध था, अब अपने मुक्तिधाम के कारण एक आध्यात्मिक और पर्यावरणीय केंद्र के रूप में उभर रहा है। यहाँ आने वाले श्रद्धालु न सिर्फ भगवान के दर्शन करेंगे, बल्कि यहाँ की शांति और प्राकृतिक सुंदरता का भी अनुभव करेंगे।

मुक्तिधाम में होने वाले बदलाव


मुक्तिधाम का निर्माण कार्य 2025 के मध्य तक पूर्ण हो जाएगा। अगले कुछ महीनों में यहाँ 12 ज्योतिर्लिंगों की मूर्तियों की स्थापना और पूजा-अर्चना की जाएगी। श्रावण माह में यह स्थल आम जनता के लिए खोल दिया जाएगा, जब सभी श्रद्धालु यहाँ आकर भगवान भोलेनाथ के 12 ज्योतिर्लिंगों के दर्शन कर सकेंगे।

इस तरह, पोरसा का मुक्तिधाम न केवल धार्मिक दृष्टि से, बल्कि प्राकृतिक और सांस्कृतिक दृष्टि से भी एक अद्वितीय स्थल बन चुका है, जो आने वाले समय में और भी अधिक श्रद्धालुओं और पर्यटकों को आकर्षित करेगा।

 


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