पोरसा । यस न्यूज़ प्रतिनिधि
क्या हम अपनी शासकीय संपत्तियों को यूं ही नष्ट होते देख सकते हैं? पोरसा के शासकीय उत्कृष्ट बालक छात्रावास की स्थिति आज एक गंभीर सवाल बन गई है। प्रशासन की लापरवाही के कारण छात्रावास की इमारत में लगातार नुकसान हो रहा है, और छात्रों की परेशानियां दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही हैं। लेकिन सवाल यह है कि क्या प्रशासन अब भी इस स्थिति को अनदेखा करने का इरादा रखता है?
जोटई रोड पर स्थित शासकीय छात्रावास के दो गेटों में से एक पूरी तरह से बंद हो चुका है। इसके पीछे एक बड़ा कारण है – नगर पालिका का कच्चा खुला नाला। यह गंदा पानी छात्रावास के पास से बहता है, जिसके कारण छात्रावास के आसपास की हरियाली और इमारत को नुकसान हो रहा है। कई बार तो यह पानी छात्रावास के भीतर भी भर चुका है। फिर भी प्रशासन ने इस समस्या का समाधान करने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए हैं।

अधीक्षक साहब सिंह तोमर ने इस मुद्दे को गंभीरता से लिया और नगर प्रशासन को पत्र लिखकर समाधान की मांग की। लेकिन कई महीनों से कोई जवाब नहीं आया। क्या यह नहीं लगता कि प्रशासन की लापरवाही से शासकीय संपत्ति की स्थिति बिगड़ रही है?
हालांकि, जब नगर पालिका के मुख्य अधिकारी अवधेश सिंह सेंगर से इस बारे में पूछा गया, तो उन्होंने आश्वासन दिया कि समस्या का समाधान शीघ्र किया जाएगा। उनका कहना था, “हमने इस समस्या को पहचान लिया है और पाइप डालकर पानी की निकासी का काम शुरू करेंगे, जिससे छात्रावास की बिल्डिंग को नुकसान न हो।” लेकिन क्या यह आश्वासन सिर्फ़ एक और शब्दों का खेल है?
इस पूरे मामले ने एक बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है – क्या प्रशासन तब तक जागेगा जब तक पूरी इमारत टूट नहीं जाती? छात्रों की सुरक्षा और शासकीय संपत्ति के बचाव के लिए प्रशासन को अब तत्काल और प्रभावी कदम उठाने होंगे।
