जयसिंहनगर, जिला शहडोल (मध्य प्रदेश), 23 जून 2025
डॉ. भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा स्थल पर हो रहे अवैध अतिक्रमण को लेकर जयसिंहनगर में जनआक्रोश बढ़ता जा रहा है। इस गंभीर मुद्दे को लेकर भीम आर्मी भारत एकता मिशन की शहडोल इकाई ने सोमवार को अनुविभागीय अधिकारी (एस.डी.ओ.) को ज्ञापन सौंपते हुए अवैध कब्जाधारियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग की।
ज्ञापन में बताया गया कि ग्राम सरवारी (मराठा टोला), पोस्ट चितरांव, थाना एवं तहसील जयसिंहनगर की करीब 2.5 एकड़ भूमि (हल्का नंबर 57, खसरा नंबर 1179) को ग्राम सभा ने सार्वजनिक उपयोग के लिए स्वीकृत किया था। इस भूमि पर वर्षों से एक खेल मैदान, सामुदायिक भवन और भारत रत्न डॉ. अंबेडकर की प्रतिमा स्थापित है। यह स्थान गांववासियों के सामाजिक और सांस्कृतिक आयोजनों का केंद्र रहा है।
अवैध कब्जे का आरोप इन लोगों पर:
लेकिन हाल ही में इस पवित्र भूमि पर कुछ व्यक्तियों द्वारा निजी कब्जा कर लिया गया है। ज्ञापन में इन कब्जाधारियों के नाम इस प्रकार बताए गए हैं:
रामशुफल उर्फ गोगा पिता भोल्ला अहिरवार
रद्दू पिता लच्छू अहिरवार
शोभनाथ पिता लच्छू अहिरवार
भैयालाल पिता लंगू बैगा
इन लोगों ने कथित रूप से अंबेडकर प्रतिमा के आसपास मकान और बाड़ी बना ली है। इससे न केवल सार्वजनिक स्थल का स्वरूप बिगड़ा है, बल्कि सामाजिक तनाव की स्थिति भी बन रही है।
प्रशासन से मांग:
भीम आर्मी ने ज्ञापन में स्पष्ट किया कि यह भूमि ग्राम सभा द्वारा पारित प्रस्ताव के तहत सुरक्षित है, और यहां किसी भी तरह के निजी निर्माण की अनुमति नहीं दी गई है। प्रशासन से मांग की गई है कि:
1.अतिक्रमण को तत्काल हटाया जाए
2.दोषियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए
3.प्रतिमा स्थल की मरम्मत व सीमांकन कर पुनः संरक्षित किया जाए
संगठन ने यह चेतावनी भी दी कि यदि समय पर कार्रवाई नहीं हुई तो स्थानीय स्तर पर विवाद भड़क सकता है, जिसकी पूर्ण जिम्मेदारी प्रशासन की होगी।
संगठन की सक्रियता:
ज्ञापन सौंपने के दौरान बड़ी संख्या में भीम आर्मी के कार्यकर्ता उपस्थित थे। मुख्य रूप से उपस्थित लोग थे:
1. जिला संयोजक – राजेश कुशवाह
2. जिला प्रवक्ता – राजकुमार साहू
3. सिहपुर मंडल संयोजक – नरेन्द्र प्रजापति
4. बनसुकली मंडल संयोजक – अमृत सिंह मरावी
5. आखेटपुर मंडल संयोजक – चंद्रशेखर साकेत
6. गोलू बौद्ध
7. राजेश पटेल
8. एडवोकेट रवि वर्मा
9. अन्य लगभग 50 कार्यकर्ता
समर्पण और चेतावनी:
कार्यकर्ताओं ने स्पष्ट किया कि वे डॉ. अंबेडकर की स्मृति, सम्मान और सार्वजनिक हित की रक्षा के लिए किसी भी स्तर तक संघर्ष के लिए तैयार हैं। साथ ही प्रशासन को चेताया कि यदि न्याय में देरी हुई, तो सामाजिक आंदोलन की रूपरेखा तय की जाएगी।
ज्ञापन के साथ डॉ. अंबेडकर प्रतिमा की फोटो और ग्राम सभा का प्रस्ताव पत्र भी संलग्न किया गया है।
