पत्रकार फिरदौस खान की रिपोर्ट।
मंडला: प्रदेश के स्कूलों में नए शिक्षा सत्र के दो माह बीत जाने के बाद भी अतिथि शिक्षकों की भर्ती न होने के कारण शिक्षा व्यवस्था पूरी तरह चौपट हो गई है। विशेष रूप से, आगामी वार्षिक बोर्ड परीक्षा की समय सारणी अभी तक जारी नहीं की गई है, और जिम्मेदार प्रशासन इस मामले में निष्क्रिय नजर आ रहा है।
अतिथि शिक्षकों की भर्ती में देरी की वजह से शिक्षा प्रभावित
19 जून से शुरू हुआ शिक्षा सत्र अगस्त के अंत की ओर बढ़ चुका है, और जिन विद्यालयों में नियमित या विषय विशेष के शिक्षक नहीं हैं, वहां पढ़ाई की पूरी जिम्मेदारी अतिथि शिक्षकों पर है। उत्कृष्ठ विद्यालय बीजाडांडी में वाणिज्य संकाय के तीन विषय, भौतिकी, राजनीति, उच्च गणित, भूगोल, संस्कृत, IT, हेल्थ केयर जैसी महत्वपूर्ण कक्षाओं की पढ़ाई अब तक शुरू नहीं हो पाई है। यह स्थिति केवल बीजाडांडी तक सीमित नहीं है, बल्कि ब्लॉक, जिला और प्रदेश के अन्य स्कूलों में भी यही हाल है।
छात्रों की चिंता: पढ़ाई का नुकसान कौन उठाएगा?
बच्चों ने रोते हुए बताया कि उनकी पढ़ाई पूरी तरह से ठप हो चुकी है। शिक्षक की कमी के कारण त्रैमासिक परीक्षा में क्या लिखेंगे, यह एक बड़ा सवाल है। बच्चों ने प्राचार्य और सीएम हेल्पलाइन में भी शिकायत की है, लेकिन अब तक कोई सकारात्मक परिणाम सामने नहीं आया है।
प्राचार्यों की असहायता: सरकारी आदेशों की अनुपस्थिति
विद्यालय प्राचार्य भी इस समस्या से परेशान हैं, लेकिन सरकारी आदेशों की अनुपस्थिति के कारण वे भी असहाय हैं। अतिथि शिक्षकों की भर्ती के आदेश लोक शिक्षण संचालनालय और जनजातीय कार्य विभाग द्वारा जारी किए जाते हैं। अब तक स्पष्ट आदेश न मिलने के कारण प्राचार्य भर्ती नहीं कर पा रहे हैं।
पालकों की नाराजगी: असंवेदनशील सरकार की आलोचना
पालकों का कहना है कि इस बार जुलाई के अंत तक अतिथि शिक्षकों की भर्ती होनी चाहिए थी, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। पिछले वर्षों में जुलाई तक भर्ती हो जाती थी, जिससे पढ़ाई सुचारू रूप से चलती थी। इस वर्ष दो माह की देरी ने बच्चों की पढ़ाई को गंभीर नुकसान पहुंचाया है।
अतिथि शिक्षक संघ की चिंता: बेरोजगारी और आर्थिक संकट
अतिथि शिक्षक संघ के पदाधिकारियों का कहना है कि आदेश न मिलने के कारण वे भी चिंतित हैं। मई से बेरोजगार हुए अतिथि शिक्षकों को आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा है। यदि वे अवैतनिक विद्यालय जाते हैं तो दिहाड़ी मजदूरी के रूप में मिलने वाले पारिश्रमिक से भी हाथ धो बैठेंगे, जिससे परिवार के पालन में कठिनाई आएगी।
प्रशासन से अपील: शीघ्र अतिथि शिक्षक भर्ती की जाए
समस्याओं के समाधान के लिए जिम्मेदार अधिकारियों से अपील की जाती है कि वे भर्ती में आ रही दिक्कतों को शीघ्र दूर करें और अतिथि शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया को पूरा करें, ताकि बच्चों की पढ़ाई और शिक्षकों के आर्थिक संकट का समाधान हो सके।
