राजगढ़, कालीतलाई पंचायत:
कालीतलाई पंचायत के किसानों को पटवारी की लापरवाही का खामियाजा भुगतना पड़ रहा है, जिससे वे ई-केवायसी न होने के कारण सरकारी योजनाओं से वंचित हो रहे हैं। कलेक्टर के आदेशों की धज्जियां उड़ाते हुए पटवारी कैंप लगाकर ई-केवायसी करने के निर्देशों को पूरी तरह अनदेखा कर रहे हैं, जिससे ग्रामीणों में भारी आक्रोश है।
आदेशों की अनदेखी, लापरवाही की इंतिहा
राजगढ़ कलेक्टर ने सभी पटवारियों को किसानों की ई-केवायसी सुनिश्चित करने के लिए सख्त आदेश दिए थे। इतना ही नहीं, लापरवाही बरतने वालों की सैलरी रोकने का भी निर्देश जारी किया गया था, लेकिन इसके बावजूद कालीतलाई के पटवारी पर कोई असर नहीं पड़ा। ग्रामीणों का कहना है कि पटवारी न तो कैंप में आते हैं और न ही कभी फोन उठाते हैं। यहां तक कि जब उनसे संपर्क करने की कोशिश की गई, तो उन्होंने कॉल का जवाब देना भी जरूरी नहीं समझा।
किसानों की हालत खराब, योजनाओं से वंचित
लापरवाह पटवारी की गैरमौजूदगी के चलते किसानों की ई-केवायसी प्रक्रिया अटक गई है, जिससे उन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है। कई किसान दिन-रात इंतजार कर रहे हैं, लेकिन जिम्मेदार अधिकारी नदारद हैं। इस मुद्दे ने प्रशासन की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
प्रशासनिक व्यवस्था पर सवाल
ग्रामीणों का कहना है कि पटवारी की इस लापरवाही से किसानों की हालत और खराब हो गई है। प्रशासनिक लापरवाही की यह घटना न केवल किसानों के लिए हानिकारक है, बल्कि सरकारी योजनाओं की प्रभावशीलता पर भी प्रश्नचिह्न लगाती है। अब सवाल यह उठता है कि आखिर प्रशासन कब इस पर कार्रवाई करेगा और किसानों को राहत प्रदान करेगा।
क्या प्रशासन उठाएगा सख्त कदम?
ग्रामीणों की निराशा और गुस्से के बीच अब नजरें प्रशासन पर हैं। कलेक्टर के आदेशों की खुलेआम अवहेलना करने वाले अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई की मांग जोर पकड़ रही है। देखना यह होगा कि प्रशासन इस गंभीर स्थिति से कैसे निपटता है और पटवारी की लापरवाही को खत्म कर किसानों को राहत कैसे दिलाई जाएगी।
