“गलत संगत का प्रभाव: सकारात्मक जीवन और स्वर्णिम प्रशासन के लिए जागरूकता अभियान”
आज ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय पोरसा के मुख्य सेवा केंद्र गांधीनगर में एक विशेष अभियान आयोजित किया गया, जिसमें डॉक्टर रीना दीदी ने पोरसा की धरती पर आकर सभी को स्वर्णिम प्रशासन और सकारात्मक जीवन जीने के तरीके बताए। इस अभियान का उद्देश्य मध्य प्रदेश के हर जिले और तहसील में जागरूकता फैलाना है, ताकि लोग अपने जीवन में सकारात्मकता लाकर एक अच्छे प्रशासन का हिस्सा बन सकें।
डॉक्टर रीना दीदी ने बताया कि हमारे जीवन में शब्दों का बहुत महत्व होता है। नकारात्मक शब्दों का प्रयोग हमें नकारात्मक दिशा में ले जाता है, जबकि सकारात्मक शब्दों का प्रयोग हमें सकारात्मक ऊर्जा से भरता है। उन्होंने सलाह दी कि हमें हर दिन सुबह परमपिता परमात्मा को याद करके दिन की शुरुआत करनी चाहिए और शारीरिक व्यायाम के साथ-साथ भजन और कथाओं के माध्यम से सकारात्मक ऊर्जा का संचार करना चाहिए। इस तरह से हम अपने परिवार, घर और समाज को स्वर्णिम बना सकते हैं।
उन्होंने युवाओं के लिए भी एक विशेष संदेश दिया कि आजकल सहनशक्ति की कमी और गलत संगत के कारण आत्महत्या जैसे जघन्य कदम उठाए जा रहे हैं। गलत खानपान और नशे की आदतों से यह समस्याएं बढ़ रही हैं। इस दिशा में हमें बच्चों को अच्छी शिक्षाएं देनी चाहिए और उन्हें सही मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करना चाहिए।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि डॉक्टर सुधीर आचार्य ने भी अपने उद्बोधन में कहा कि अगर हम अपने कार्यों को सही तरीके से करेंगे, तो समाज में हमारी बात का सम्मान होगा और हम एक अच्छे प्रशासक बन सकेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि एक अच्छे प्रशासन के लिए हमें पहले स्वयं को सुधारना होगा, फिर दूसरों तक सकारात्मक संदेश पहुंचाना होगा।
कार्यक्रम के अंत में कुमारी अन्वी अग्रवाल ने परमपिता परमात्मा के गीत पर सुंदर नृत्य प्रस्तुत किया, जिससे पूरा सेवा केंद्र गूंज उठा। इस मौके पर बीके राम, बीके राहुल, बीके रिचा और अन्य कई अतिथियों ने इस अभियान की सफलता की कामना की।
इस कार्यक्रम ने सभी को एक सकारात्मक जीवन जीने और अपने कार्यों में सुधार लाने का प्रेरणादायक संदेश दिया, जिससे समाज में स्वर्णिम बदलाव की संभावना बढ़ी।।

