पोरसा।
महाशिवरात्रि का पर्व हिंदू धर्म में अत्यंत महत्वपूर्ण और श्रद्धा का पर्व है। इस दिन को विशेष रूप से भगवान भोलेनाथ की आराधना का दिन माना जाता है। भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए उनके भक्त विभिन्न उपायों को अपनाते हैं, जिनमें कावड़ यात्रा एक प्रमुख परंपरा है। उत्तर प्रदेश की गंगा नदी से जल लेकर इसे कावड़ में भरकर भक्त भगवान शिव के मंदिरों में चढ़ाते हैं। यह जल श्रद्धा और आस्था का प्रतीक होता है, और माना जाता है कि इससे भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है।
पोरसा क्षेत्र में भी महाशिवरात्रि को लेकर भक्तों में विशेष उत्साह देखने को मिल रहा है। सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु कावड़ लेकर भगवान भोलेनाथ के मंदिरों की ओर रुख कर चुके हैं। इन भक्तों ने गंगा जल को कावड़ में भरकर अपने-अपने निर्धारित मंदिरों में अर्पित करने के लिए यात्रा शुरू कर दी है। यह यात्रा न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि समाज में एकता और प्रेम को बढ़ावा देने का भी कार्य करती है।

भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए भक्तों ने अपने कावड़ को मंदिरों तक पहुंचाने के लिए पूरी श्रद्धा और समर्पण से कदम बढ़ाए हैं। महाशिवरात्रि के इस पवित्र अवसर पर भगवान शिव की पूजा अर्चना कर भक्त अपने जीवन में सुख, समृद्धि और शांति की कामना करते हैं।
इस समय पोरसा क्षेत्र में कावड़ यात्रा का दृश्य बहुत ही भव्य और श्रद्धा से ओतप्रोत है, जहां हर भक्त का चेहरा आत्मविश्वास और भगवान शिव के प्रति अपार श्रद्धा से भरा हुआ है।

