पोरसा (समाचार): 
महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के गांधीनगर पोरसा केंद्र द्वारा एक भव्य रैली का आयोजन किया गया। इस रैली में ब्रह्माकुमारी संस्थान के सदस्य, पुलिसकर्मी, गणमान्य नागरिक और क्षेत्रवासियों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। रैली में बीके रेखा बहन ने कहा कि भगवान भोलेनाथ की पूजा और सेवा का असली रूप बाहरी अर्पणों और व्रतों से कहीं अधिक गहरा है। भगवान को बेलपत्र, धतूरा, भांग आदि अर्पित करना एक अच्छी बात है, लेकिन असली पूजा तब होती है जब हम अपने भीतर की बुराइयों को त्यागकर आत्मिक शुद्धि की ओर बढ़ते हैं।
बीके रेखा बहन ने कहा, “भगवान ने हमें जो शरीर और जीवन दिया है, वह हमारी सबसे बड़ी पूंजी है। यदि हम इस शरीर को नशे, गुस्से, कटु वचनों और बुराईयों से खराब करते हैं, तो यह भगवान की सेवा नहीं होगी। हमें अपने अंदर के नकारात्मक गुणों को छोड़ने का संकल्प करना चाहिए। जब हम सचाई, प्रेम, और सम्मान से दूसरों से व्यवहार करेंगे, तभी भगवान हमसे खुश होंगे और हमें मनचाहा आशीर्वाद देंगे।”
रैली में बीके रेखा बहन ने सभी को यह आह्वान किया कि हम महाशिवरात्रि के इस पवित्र अवसर पर अपने जीवन से झूठ, अपशब्द, गुस्से और बैरभाव को समाप्त करने का संकल्प लें। उन्होंने कहा, “आज हम संकल्प लें कि हम किसी से बैरभाव नहीं रखेंगे, न ही किसी को बुरा बोलेंगे, न किसी से द्वेष रखेंगे। अगर हम खुद में यह बदलाव लाते हैं, तो हम अपने परिवार, समाज और देश को स्वर्ग बना सकते हैं।”
रैली में भोले बाबा के जयकारों से वातावरण गूंज उठा। “हर-हर महादेव” और “हर-हर भोले” के जयकारों के बीच रैली गांधीनगर से शुरू होकर पोरसा के प्रमुख स्थानों जैसे खंडा रोड, सब्जी मंडी, अटेर रोड, और साधू सिंह चौराहे से होते हुए थाने के सामने समाप्त हुई। भक्तों ने शिव बाबा पर फूलों और प्रसाद का अर्पण किया, और पूरे रास्ते में सकारात्मक ऊर्जा का प्रसार हुआ।
इस अवसर पर क्षेत्र के पुलिसकर्मी एस.आई. शर्मा जी, शिक्षक बृज किशोर तोमर, आनंद तोमर, सूरज तोमर, अरुण तोमर, श्याम मुरारी बाबा, जसराम गुप्ता, गुरु नारायण, कमल किशोर गुप्ता और अन्य गणमान्य लोग भी उपस्थित रहे। रैली में सैकड़ों भाई-बहनों ने हिस्सा लिया, और सबने मिलकर संकल्प लिया कि वे भगवान की पूजा के साथ-साथ अपने जीवन से बुराइयां और नकरात्मकता को दूर करेंगे, ताकि वे समाज में सकारात्मक बदलाव ला सकें और अपने जीवन को सच्चे अर्थों में भगवान की सेवा बना सकें।
बीके रेखा बहन ने अंत में कहा, “हमारा भारत पहले सोने की चिड़ीया था। यदि हम सभी एकजुट होकर अपने अंदर सुधार लाएंगे, तो हम अपने क्षेत्र को फिर से स्वर्णिम बना सकते हैं और देश को समृद्ध बना सकते हैं।”

