एक्यूप्रेशर पद्धति से 312 मरीजों का इलाज, निशुल्क शिविर में हो रहा सुधार

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पोरसा (समाचार):

जैन मिलन द्वारा गांधीनगर स्थित श्री पारसनाथ दिगंबर जैन नसिया मंदिर में आयोजित एक्यूप्रेशर पद्धति के निशुल्क चिकित्सा शिविर में अब तक 312 मरीजों का इलाज किया जा रहा है। इस शिविर का उद्देश्य बिना किसी औषधि के प्राकृतिक तरीके से लोगों के स्वास्थ्य में सुधार लाना है। पिछले कुछ दिनों में 280 मरीजों ने पंजीकरण कराया था, और आज 32 नए मरीजों का पंजीकरण किया गया।

डॉ. पी.आर जाखड़ ने बताया कि एक्यूप्रेशर पद्धति एक प्रभावी और बिना खर्च वाली चिकित्सा पद्धति है, जिसमें केवल अपनी मानसिकता को बदलने पर लोग निरोगी बन सकते हैं। इस चिकित्सा पद्धति से अनेक तरह की बीमारियों का इलाज संभव है, जैसे पुराना दर्द, साइटिका, मानसिक तनाव, घुटनों का दर्द, सर्वाइकल दर्द, कमर दर्द, और जोड़ों का दर्द।

शिविर में डॉ. पी.आर जाखड़, डॉ. श्रवण चौधरी, और डॉ. डी.आर जाखड़ जैसे विशेषज्ञ चिकित्सक मरीजों का इलाज कर रहे हैं। इस शिविर में एक्यूप्रेशर वाइब्रेशन और सुजोक थेरेपी का उपयोग किया जा रहा है, जिससे न केवल शारीरिक दर्द में आराम मिलता है, बल्कि मानसिक तनाव, घबराहट और बेचैनी जैसी समस्याओं से भी राहत मिलती है।

इस चिकित्सा शिविर का आयोजन जैन मिलन पोरसा द्वारा किया गया है, जिसमें प्रमुख सामाजिक कार्यकर्ताओं ने भाग लिया, जैसे राकेश जैन, महावीर जैन (अध्यक्ष व्यापार मंडल पोरसा), संजीव जैन, प्रिय जैन, जितेंद्र जैन, डॉ. प्रमोद जैन, और कई अन्य। शिविर का संचालन जैन मिलन महिला विराग पोरसा, जैन मिलन बालिका पोरसा, श्री महावीर स्वामी धर्मार्थ सेवा समिति पोरसा, और सकल दिगंबर जैन समाज पोरसा के सहयोग से किया जा रहा है।

संजीव जैन (अध्यक्ष, जैन मिलन पोरसा) ने बताया कि यह शिविर प्रतिदिन सुबह 8:00 से 12:00 तक और शाम 3:00 से 7:00 तक आयोजित किया जाएगा। इसमें विशेष रूप से निम्नलिखित रोगों का इलाज किया जाएगा:

पुराना दर्द

साइटिका

मानसिक तनाव

घुटनों का दर्द

सर्वाइकल दर्द

कमर दर्द

जोड़ों का दर्द

हाथ-पैर में थकान या सुन्नपन

बच्चों का नींद में पेशाब आना

पेट रोग


यह शिविर न केवल एक्यूप्रेशर के लाभों को फैलाने का एक मंच है, बल्कि यह लोगों को एक स्वस्थ जीवन की ओर प्रेरित करने का भी प्रयास है। एक्यूप्रेशर से शरीर की क्षमता बढ़ती है, उच्च रक्तचाप में आराम मिलता है, और ब्लड सर्कुलेशन में सुधार होता है। यह प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति थकान और मनोदशा में सुधार करती है, साथ ही शरीर की ऊर्जा स्तर को भी बढ़ाती है।

जैन मिलन पोरसा द्वारा किए गए इस तरह के आयोजन समाज में जागरूकता फैलाने और लोगों के जीवन को बेहतर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो रहे हैं।


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