भगवान परशुराम जी का मंदिर एवं सामुदायिक भवन का शिलान्यास

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भगवान परशुराम जी का मंदिर एवं सामुदायिक भवन का शिलान्यास कल्याणपुर शहडोल में किया गया।

शहडोल 10 मार्च 2025 यस न्यूज प्रतिनिधि चेतराम शर्मा

आयोजन समिति परशुराम कल्याणपुर शहडोल के द्वारा भगवान परशुराम मन्दिर और सामुदायिक भवन का भब्य शिलान्यास का आयोजन श्री परशुराम धाम कल्याण पुर में रखा गया ।
इस कार्यक्रम का शुभारंभ श्री राम मोहन मन्दिर में सभी आमंत्रित अतिथियों एवं वरिष्ठ जनों की उपस्थिति पर शिला पूजन के बाद सनातन धर्म रथ यात्रा का शुभारंभ किया गया, भब्य रथ यात्रा डी जे साउंड के साथ भगवान परशुराम की जयकारा लगाते हुए -जैन मन्दिर मुख्य बाजार, गाँधी चौराहा, शब्जी मंडी, गंज, अंडर ब्रिज, संस्कार पैलेश होते हुए वृद्धा आश्रम के पास प्रस्तावित श्री परशुराम धाम कल्याणपुर शोभा यात्रा पहुंची।

अतिथियों के आगमन पर आयोजन समिति सदस्यों के द्वारा स्वागत किया गया। अतिथियों के द्वारा भगवान परशुराम के छाया चित्र का पूजन वंदन किया गया। सभी आमंत्रित अतिथियों को मंचासीन किया गया।मंचासीन अतिथियों में श्रधेय संत – जगत गुरु देवांस प्रपन्नाचार्य महाराज आश्रम खाम्हीडोल(दांडी महाराज ), श्री महंत शिव सुंदर गिरी महाराज राष्ट्रीय महासचिव राष्ट्रीय धर्म गुरु दशनाम गोस्वामी अखाडा, पंडित श्री कांत गीतानुरागी गीता धाम आश्रम कटकोना, मुख्य अतिथि पूर्व कमिश्नर राजीव शर्मा जी IAS लेखक साहित्य कार उपन्यासकार राष्ट्रीय संरक्षक अखिल भारतीय ब्राम्हण एकीकृत परिषद, विशिष्ट अतिथि — पंडित जयराम जी शुक्ला लेखक संपादक विविध समाचार पत्र, संस्थापक माखन लाल चतुर्वेदी विश्व विद्यालय भोपाल, श्री मंत प्रभाकर नारायण राव पेशवे राज घराना चित्रकूट, जिला पंचायत अध्यक्ष श्री मति प्रभा मिश्रा, पंडित अवधेश उर्मलिया राष्ट्रीय महा सचिव अखिल भारतीय ब्राम्हण एकी कृत परिषद, श्रीमती अमिता चपरा भाजपा जिला अध्यक्ष शहडोल, नगर पालिका अध्यक्ष घन श्याम जायसवाल शहडोल आदि अतिथियों को माल्यार्पण कर स्वागत किया गया।

अखिल भारतीय ब्राह्मण एकीकृत परिषद शहडोल ट्रस्ट के अध्यक्ष जय किशन तिवारी के द्वारा स्वागत भाषण में आमंत्रित अतिथियों का इस कार्यक्रम में पधारने के लिए धन्यवाद दिया और अपने द्वारा श्री परशुराम धाम के लिए दिए गए जमीन को बताया साथ ही साथ इस परिसर में बनाए जाने वाले भवनों का रूपरेखा को प्रस्तुत किया और अनुमानित लागत की बात भी कही गई साथ में एक पुलिया निर्माण के लिए भी बताया गया परशुराम जी का मंदिर, पुस्तकालय ,सभा हॉल ,छ:कमरे , रसोईघर ,वैवाहिक पंडाल, निशुल्क स्वास्थ्य कैंप ,आराधना केंद्र, राधा रानी की प्रतिमा, शिव पार्वती परिवार सहित, हनुमान जी की प्रतिमा, भगवान परशुराम जी का प्रतिमा यह कार्य सभी समाज के लोगों के सहयोग से किया जाएगा भविष्य में इसका लाभ सभी समाज के लोगों को मिलेगा।
जगतगुरु देवांश प्रपन्नाचार्य ( दांडी महाराज ) आश्रम खाम्हीडोल ने अपने उद्बोधन कहा की श्री परशुराम जी का छटवां अवतार है, ईश्वर का परिचय देना संभव नहीं है गुणों पर ही प्रकाश डाला जा सकता है। भाजपा के जिलाध्यक्ष श्री मति अमिता चपरा शहडोल ने अपने उद्दबोधन में कहा की परशुराम लोक बनाया जा रहा है, परशुराम जी द्वापर, त्रेता आज कलयुग में भी इनका नाम बच्चा बच्चा जानता है। हमसब इस कार्य के लिए साथ रहेंगे। श्री कांत गीतानुरागी ने अपने उद्बोधन में कहा हम सब एक हैं , अनेक किसने बनाया, श्री कृष्ण ने अर्जुन से कहा की मैने तुझे पूरा ज्ञान दे दिया तुझे जो करना है कर अर्जुन ने कहा मैं वही करूॅगा जो आपने कहा है, हमारे पास क्या है इसका पता लगाने के लिए श्री मद भगवत गीता पढ़ना पड़ेगा, लोगों को आध्यात्म से जोड़ने के लिए कहा। पंडित जय राम जी शुक्ला ने अपने उद्बोधन में कहा की जय किशन जी मेरे रिश्ते में नाती लगते हैं, साथ ही इनके पूरे परिवार के विषय में बताया। श्री परशुराम जी के विषय पर, रामायण के विषय पर बृहद वक्तब्य दिया गया। श्री मंत प्रभाकर नारायण राव पेशवे ने अपने उद्बोधन में बताया की बाजीराव पेशवा ने 40 बार युद्ध लड़ा कभी नहीं हारा, पेशवा परिवार का विजेता होने का कारण भगवान परशुराम ही हैं।
पूर्व कमिश्नर IAS राजीव शर्मा जी अपने उद्बोधन में कहा की ट्रस्ट के अध्यक्ष जय किशन तिवारी ने अपने द्वारा दान में दिए गए जमीन 11000 वर्ग फीट को 1100 वर्ग फिट कहा जो साबित करता है की दान हमने कितना किया या नहीं किया नाम के लिए नहीं है। धन की तीन अवस्थाए होती हैं – उसका उपभोग कर लें, दान कर लें, अंतिम है नष्ट होने की छूट जाने की। तिवारी जी ने धन का उपभोग किया और 11000 वर्ग फिट जमीन परशुराम धाम के लिए दान भी कर दिया है। कलयुग में ऐसे भी लोग हैं, लोग ये ढूंढ रहे हैं की तिवारी जी ने जमीन क्यों दी बात क्या है। लोगों ने मुझसे पूँछे नौकरी क्यों छोंड़ दी मैंने कहा नौकरी मैने अपने मर्जी से कर सकता हूँ तो क्या मैं अपनी मर्जी से नौकरी नहीं छोड़ सकता। भगवान परशुराम जी समुद्र से जमीन मांगा तब समुद्र ने कहा आप अपना फरसा फेंक दें तब परशुराम जी ने फरसा समुद्र में फेंक दिया तब समुद्र ने जितना फरसा था फरसे के साइज उतना जगह से पानी हटा लिया आज गोवा केरल उसी में बसा है। परशुराम ने पूरे जगत को जोड़ने का कार्य किया है उनकी मां क्षत्रिय थी दादी भी क्षत्रिय थी परशुराम ने कभी क्षत्रियों का वध नहीं किया, परशुराम ने पूर्ण छत्रधारियों का वध किया जो अंन्याय करते थे ,राजा दशरथ, राजा जनक भी तो थे। परशुराम ने अवतार लिया दुष्टों का वध करने के लिए सज्जन को संबल दिया भगवान कृष्ण का नाम एक रण छोड भी है जरासंध से युद्ध न करके भाग गए थे। भगवान परशुराम ने ही कृष्ण जी को सुदर्शन चक्र दिया था । यह परशुराम धाम ब्राह्मणों का ही ना रह जाए यह सभी सनातन धर्म के लोगों का है ,युवाओं के लिए पुस्तकालय हो परशुराम धाम सभी जाति के लोगों को लगे कि यह हमारा है सभी के पास भिक्षा के रूप में जाएं जितना मिले स्वीकार करें सभी वर्ग के लोगों का सहयोग से यह धाम बने राष्ट्रीय एकता मजबूत हो इसलिए यह मंदिर बनाई जाए । शिक्षा स्वास्थ्य के लिए हो जिन बच्चों को यहां आकर पढ़ने के लिए जगह नहीं मिला उन बच्चों को यहां क्वार्टर देकर रहने की व्यवस्था किया जाए। ग्यारह हजार रुपये सहयोग की घोषणा भी किये।
मंचीय कार्यक्रम के बाद समस्त अतिथियों के द्वारा मँदिर निर्माण सामुदायिक भवन निर्माण के लिए शिला न्यास का पूजन वंदन कर हवन किया गया। अतिथियों का आभार प्रकट पंडित अवधेश उर्मलिया के द्वारा किया गया और शानदार मंच का संचालन मृगेंद्र सिंह के द्वारा किया गया।
इस अवसर पर अखिल भारतीय ब्राम्हण एकीकृत परिषद शहडोल के सभी सदस्य, उपाध्यक्ष महेंद्र शुक्ला, सचिव पंडित राम मित्र द्विवेदी, कोषाध्यक्ष रमाकांत शर्मा, सदस्य पंडित राज किशोर शुक्ला, जिला अध्यक्ष डॉ. ओ. एन. त्रिपाठी, रिटायर्ड सी. एम. ओ. रविकरण त्रिपाठी, रिटायर्ड पंचायत इंस्पेक्टर शिव प्रसाद तिवारी, संतोष तिवारी, शिवम तिवारी, रामजी द्विवेदी, राम सुशील मिश्रा,राम मित्र द्विवेदी, डॉ. राजेश पाण्डे, आदि दूर दूर पधारे वरिष्ठ जनों, पत्रकारों की उपस्थिति रही है।


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