पथवारी माता मंदिर में गूंज रही श्रीमद् भागवत कथा की अमृतवाणी, हजारों श्रद्धालु हो रहे भावविभोर

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पोरसा, मुरैना। पत्रकार विनय की रिपोर्ट

जनपद पंचायत पोरसा से लगभग 8 किलोमीटर दूर स्थित ग्राम पंचायत सुनावली के ऐतिहासिक पथवारी माता मंदिर प्रांगण में पहली बार सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा का भव्य आयोजन हो रहा है। यह आयोजन 21 अप्रैल 2025 से आरंभ हुआ था और 27 अप्रैल को इसका समापन हुआ। आयोजन में प्रतिदिन दोपहर 12 बजे से लेकर शाम 4:30 बजे तक कथा वाचन किया गया, जिसके बाद आरती और प्रसादी का वितरण होता रहा।


आस्था की बयार और भक्ति की गूंज:

श्रीमद् भागवत कथा के प्रथम दिन भव्य कलश यात्रा निकाली गई जो ग्राम पालन और ग्राम सुनावली होते हुए पुनः मंदिर परिसर में पहुंची। इस शोभायात्रा में सैकड़ों महिलाओं ने सिर पर कलश रखकर भाग लिया, वहीं पुरुष श्रद्धालु भी भक्ति गीतों के साथ चल रहे थे। गांव का हर कोना भक्ति से सराबोर था।

कथावाचक अमित मिश्रा



कथावाचक अमित मिश्रा ‘थरावाले’ की दिव्य वाणी:


कथा वाचन कर रहे पं. अमित कुमार मिश्रा ‘थरावाले’ ने श्रीमद्भागवत की गूढ़ कथाओं को सरल वाणी में प्रस्तुत करते हुए जीवन के गूढ़ रहस्यों को उजागर किया। उन्होंने बताया कि “श्रीमद् भागवत कथा केवल धार्मिक ग्रंथ नहीं, बल्कि जीवन जीने की कला है। यह कथा हमें हमारे कर्म, धर्म और जीवन के उद्देश्यों की याद दिलाती है।”


भक्ति में लीन भक्त


भक्ति और उत्साह का संगम:

हर दिन लगभग ढाई सौ से अधिक श्रद्धालु – महिलाएं, पुरुष, बच्चे – कथा श्रवण के लिए एकत्र होते हैं। कथा में आए श्रोताओं ने बताया कि उन्हें यहां आकर आत्मिक शांति मिलती है और कथा के उपदेश उनके जीवन में सकारात्मक परिवर्तन ला रहे हैं।

आयोजन मंडल (संपूर्ण पंचायत वासी)


आयोजकों का समर्पण:

इस आयोजन की संपूर्ण जिम्मेदारी ग्राम पंचायत सुनावली के समस्त ग्रामवासियों द्वारा निभाई जा रही है। स्थानीय लोगों का कहना है कि इस तरह का आयोजन गांव के सामाजिक और धार्मिक विकास में एक महत्वपूर्ण कदम है।




28 अप्रैल को विशाल भंडारे का आयोजन:

कथा समापन के उपलक्ष्य में 28 अप्रैल को मंदिर परिसर के समीप विशाल भंडारे का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं के शामिल होने की संभावना है। ग्रामवासी दिन-रात इसकी तैयारी में जुटे हैं।

दूर दर्ज से माताएं आई सुनने



पथवारी माता मंदिर – आस्था का प्रतीक:

पथवारी माता मंदिर स्थानीय लोगों की श्रद्धा और विश्वास का केंद्र है। यहां दूर-दूर से श्रद्धालु अपनी मनोकामनाओं को लेकर आते हैं और मां पथवारी से आशीर्वाद पाते हैं। वर्ष 2023 में ग्रामीणों के सहयोग से मंदिर का जीर्णोद्धार हुआ और नया गुंबद, रंग-रोगन व आकर्षक सजावट ने इसे और भी भव्य बना दिया।

पथवारी माता मंदिर



भक्ति संगीत से सज रहा वातावरण:

हर दिन की कथा में संगीत मंडली की प्रस्तुति भक्तों को मंत्रमुग्ध कर रही है।तबला पर मनीष की थाप,ऑक्टोपैड पर आसू की धुन,
कीबोर्ड व संगतकार गायक विजय का सुर,और पूजा-पाठ में सहयोगी अजय उपाध्याय,भक्ति की इस महायात्रा को संगीत से सजा रहे हैं।

संगीत मंडली


भक्ति संग संगीत और नृत्य की छटा:

श्रीमद् भागवत कथा के दौरान भक्ति संगीत जब चरम पर पहुंचा, तो वहां उपस्थित महिलाएं, विशेषकर युवतियां, अपने नृत्य प्रदर्शन से सभी का मन मोह ले गईं। संगीत की लय पर थिरकतीं इन युवतियों ने श्रद्धा और संस्कृति का अद्भुत संगम प्रस्तुत किया। स्थानीय युवतियों के युगल नृत्य ने तो मानो सभा को मंत्रमुग्ध कर दिया। नृत्य की हर भंगिमा में भक्ति की झलक थी और श्रोताओं ने तालियों की गूंज से अपनी प्रसन्नता जाहिर की।श्रद्धालुजन इस अलौकिक दृश्य में भक्ति रस में सराबोर हो गए। कथा स्थल पर एक ओर ज्ञान की धारा बह रही थी तो दूसरी ओर भक्ति का यह रंगीन रूप लोगों के दिलों में बस गया।





श्रीमद् भागवत कथा के माध्यम से ग्राम सुनावली में एक नई धार्मिक चेतना का संचार हुआ है। पहली बार हो रहे इस आयोजन ने न केवल ग्रामीणों को जोड़ने का कार्य किया है बल्कि युवाओं में भी धर्म के प्रति आकर्षण बढ़ाया है। पथवारी माता की छत्रछाया में हो रही इस कथा ने सुनावली को भक्ति की नई पहचान दी है।

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