बेजुबान जानवरों के लिए जानलेवा साबित हो रहे हैं नगर के खुले नाले, हर रोज़ हो रही हैं दुर्घटनाएं; नागरिकों ने प्रशासन से तत्काल समाधान की मांग की
पोरसा (मुरैना)। पत्रकार विनय की कलम से रूपांतरित खबर।
नगर की सड़कों और मुख्य मार्गों पर वर्षों से खुले पड़े नाले अब दुर्घटनाओं और त्रासदियों का कारण बनते जा रहे हैं। ये नाले न केवल आमजन के लिए असुविधा का कारण हैं, बल्कि अब बेजुबान मवेशियों के लिए मौत के जाल में तब्दील हो चुके हैं। हर रोज़ किसी न किसी स्थान पर मवेशी इन नालों में गिरते हैं, जिन्हें समाजसेवी और स्थानीय नागरिक घंटों की मशक्कत के बाद रस्सियों की मदद से बाहर निकालते हैं।
नगर की मुख्य सड़कों जैसे गांधीनगर, बायपास रोड, भिंड रोड, अंबाह रोड, अटेर रोड और जोटई रोड पर खुले नालों की भरमार है। इन स्थानों पर पैदल चलना तो दूर, वाहन चलाना भी चुनौतीपूर्ण हो गया है। सबसे चिंताजनक स्थिति जोटई रोड की बताई जा रही है, जहां पर बना कच्चा नाला निकटवर्ती छात्रावास की बिल्डिंग की नींव को नुकसान पहुंचा रहा है, जिससे वहां रह रहे छात्र खतरे की जद में आ गए हैं।
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हर दिन दोहराया जा रहा है मौत का दृश्य
स्थानीय लोगों के अनुसार, खुले नालों में जानवरों के गिरने की घटनाएं अब रोजमर्रा का हिस्सा बन गई हैं। बीते सप्ताह में ही पांच से अधिक सांड और गायें इन नालों में गिर चुकी हैं। नगर परिषद की निष्क्रियता और व्यवस्थागत लापरवाही के चलते ये घटनाएं लगातार हो रही हैं, लेकिन समाधान के नाम पर सिर्फ आश्वासन ही मिल रहे हैं।

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स्थानीय लोगों ने उठाई आवाज, प्रशासन से की ठोस कार्रवाई की मांग
शहरवासियों ने इस समस्या को लेकर नगर परिषद और प्रशासन के समक्ष कई बार ज्ञापन भी प्रस्तुत किए हैं। नागरिकों का कहना है कि यदि समय रहते नालों को स्लैब से ढंका नहीं गया, तो एक बड़ी दुर्घटना किसी भी दिन हो सकती है। उन्होंने स्पष्ट चेतावनी दी है कि यदि जल्द कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया तो वे व्यापक जन आंदोलन करेंगे।
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सीएमओ का बयान: “स्लैब रखने का प्रस्ताव तैयार, जल्द होगा काम शुरू”
नगर परिषद के मुख्य नगर अधिकारी अवधेश सिंह सेंगर ने बताया कि नालों को ढंकने के लिए स्लैब रखने का प्रस्ताव परिषद में भेजा जा चुका है। प्रस्ताव पारित होते ही ठेका जारी कर कार्य आरंभ किया जाएगा। उन्होंने आश्वस्त किया कि “प्राथमिकता के आधार पर खतरनाक स्थानों पर पहले स्लैब डाले जाएंगे ताकि बेजुबान जानवरों और राहगीरों को राहत मिल सके।”
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जनता की उम्मीदें अब कार्यवाही पर टिकी
नगर की जनता को अब केवल आश्वासनों से नहीं, जमीन पर उतरते हुए कार्यवाही की दरकार है। नालों की मरम्मत और ढंकने का कार्य यदि समय रहते नहीं हुआ, तो यह समस्या और विकराल रूप ले सकती है। प्रशासन को अब जनता की आवाज़ और ज़मीनी हकीकत को गंभीरता से लेते हुए ठोस कदम उठाना ही होगा।